भारत विकास परिषद-विलेपार्ले शाखा ने कराया नाटक "त्या तिघी" का मंचन..
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भारत विकास परिषद-विलेपार्ले शाखा ने कराया नाटक "त्या तिघी" का मंचन..
* संवाददाता
विलेपार्ले : स्वातंत्र्यवीर विनायक दामोदर सावरकर एक महान विचारक, साहसी क्रांतिकारी और प्रतिभाशाली साहित्यकार थे। उन्होंने स्वतंत्रता से पहले और उसके बाद देश में जातिगत भेदभाव को समाप्त करने के लिए सक्रिय रूप से काम किया था। ब्रिटिश सरकार ने उन्हें पचास साल की उम्र में कैद की सजा दी थी और उन्हें अंडमान के सेल्युलर जेल में ग्यारह साल तक नर्क यातनाएं दीं। उनके भाई गणेश सावरकर भी स्वातंत्र्यसंग्राम के वजह से उसी जेल में कैद थे। उनके छोटे भाई नारायण सावरकर ने उन्हें जेल से छुड़ाने और स्वतंत्रता संग्राम जारी रखने के लिए पूरजोर कोशिश की थी।इन तीनों भाइयों की पत्नियों ने अपने जीवन में बहुत दु:ख सहा, लेकिन उन्होंने देशप्रेम और ब्रिटिश सरकार के खिलाफ लड़ने की उम्मीद नहीं छोड़ी।
भारत विकास परिषद- विलेपार्ले शाखा ने एसएनडीटी महिला विद्यापीठ चर्चगेट की विद्यार्थियों के लिए "त्या तिघी" नामक एकपात्री नाटक के मंचन का आयोजन किया, जो इन्हीं महिलाओं के जीवन पर आधारित था।
इस नाटक को पुणे की कलाकार कुमारी अपर्णा चोथे ने सादर किया।
इस कार्यक्रम में एसएनडीटी महिला विद्यापीठ की चांसलर डॉ. उज्वला चक्रदेव प्रमुख अतिथि के रूप में उपस्थित थीं। लगभग 500 विद्यार्थियों ने इस नाटक को देखा और महसूस किया।
स्वातंत्र्यवीर सावरकर की पुण्यतिथी के उपलक्ष्य में यह कार्यक्रम आयोजित किया गया था, जिन्होंने अन्नत्याग करके अपने प्राण 26 फरवरी 1966 को त्याग दिये थे। भारत विकास परिषद विलेपार्ले शाखा ने अपनी अगली पीढ़ी को अपना गौरवशाली इतिहास समझाने के लिए इस कार्यक्रम का आयोजन किया था।