राजेश कुमार लंगेह की विशेष रचना "बोल देना ...."
राजेश कुमार लंगेह की विशेष रचना -
" बोल देना .... "
कोई मेरी बात बुरी लगे तो बोल देना
कोई उम्मीद मुझसे टूटे तो बोल देना
बोल देना एहसास हो कि मैं गलत हूं
तुमको मेरी पूरी तव्वजो ना मिले तो बोल देना
कोई मेरी बात बुरी लगे तो बोल देना
कोई उम्मीद मुझसे टूटे तो बोल देना ।
बोल देना हो अगर कोई शिकवे गिले
जब भी तुम्हारे जज्बातों को अगर ठेस लगे
देखो मैं खुदा नहीं और जरूरी नहीं सब मुझमे मुकम्मिल मिले
हो कोइ छोटी से छोटी तकलीफ तो बोल देना
कोई मेरी बात बुरी लगे तो बोल देना
कोई उम्मीद मुझसे टूटे तो बोल देना ।
चाहे अनचाहे गलती करता हूँ
पर सच मानो तुमसे बेइंतहा मुहब्बत करता हूँ
बोल देना जब भी मुहब्बत कम लगे
मेरे लिए तुम ही हो मेरे सगे
तेरे गम से गम खुशी से खुशी और कुछ हो तो बोल देना
कोई मेरी बात बुरी लगे तो बोल देना
कोई उम्मीद मुझसे टूटे तो बोल देना
बस एक बार बोल देना ।
* कवि : राजेश कुमार लंगेह
( जम्मू )