विनय शर्मा दीप को मिला नव कुंभ साहित्य प्रहरी एवं साहित्य अभ्युदय सम्मान
विनय शर्मा दीप को मिला नव कुंभ साहित्य प्रहरी एवं साहित्य अभ्युदय सम्मान
* संवाददाता
मुंबई : हिंद की आन,बान,शान सबकी प्रिय बोली हिंदी पूरे विश्व में प्रफुल्लित हो रही है। हिंदी की सुगंध को पूरे देश में फैलाने वालों में से एक नाम मुंबई महानगर के सुप्रसिद्ध कवि, साहित्यकार विनय शर्मा दीप का भी है जो आज मुंबई महानगर में रहकर हिंदी की सेवा करने वाली संस्थाओं क्रमशः भारतीय जन भाषा प्रचार समिति, नव कुंभ साहित्य सेवा संस्थान,हृदयांगन संस्था, संगीत साहित्य मंच ठाणे,अखिल भारतीय साहित्य परिषद,काव्य सृजन संस्था,हस्ताक्षर संस्था,बेस्टी एजुकेशन एंड चैरिटेबल ट्रस्ट,अग्निशिखा साहित्य मंच एवं काव्यांजलि एक अनूठा आरंभ विश्व मंच से जुड़कर अनवरत साहित्य सेवा कर रहे हैं। उसी कड़ी में राष्ट्रीय पंजीकृत साहित्यिक संस्था नव कुंभ साहित्य सेवा संस्थान द्वारा अखिल भारतीय कवि सम्मेलन एवं नव कुंभ एक संकल्प 2022 विशेषांक विमोचन समारोह में हिंदी की उत्कृष्ट सेवा करने हेतु संस्था के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं सह-संस्थापक अनिल कुमार राही,संस्थापक प्रीतम श्रावस्तवी,सचिव धीरेंद्र कुमार वर्मा धीर, उपाध्यक्ष सत्यदेव विजय एवं संयोजक संजय द्विवेदी के चुनाव पश्चात समारोह की अध्यक्षता कर रहे महाराष्ट्र हिंदी साहित्य अकादमी के पूर्व कार्यकारी अध्यक्ष,वरिष्ठ संपादक अभिलाष अवस्थी,मुंबई महानगर के वरिष्ठ समाजसेवी एवं हिंदी के शुभचिंतक डॉक्टर दीनदयाल मुरारिका, मंथन समाचार पत्र के संपादक महेश अग्रवाल,वरिष्ठ पत्रकार नामदार राही,समाचार पत्र संपादक रईस अहमद,अग्निशिखा मंच की राष्ट्रीय अध्यक्षा श्रीमती अलका पांडे, वरिष्ठ एवं उत्कृष्ट साहित्यकार अवनीश कुमार दीक्षित एवं प्रमोद कुमार साधक,भारतीय जन भाषा प्रचार समिति के अध्यक्ष रामप्यारे रघुवंशी, संगीत साहित्य मंच के अध्यक्ष रामजीत गुप्ता जैसे विशेष अतिथि एवं मुख्य अतिथि की उपस्थिति में महानगर के महान गज़लकार डॉक्टर लक्ष्मण शर्मा वाहिद के हाथों कवि विनय शर्मा दीप को नव कुंभ साहित्य प्रहरी सम्मान एवं नव कुंभ साहित्य अभ्युदय सम्मान देकर सम्मानित किया गया।
उक्त सम्मान पाने पर विनय शर्मा दीप ने पत्रकारों से कहा कि इसका श्रेय उनकी माता शांति देवी एवं जीवनसाथी रेनू देवी को जाता है । यह मेरा नहीं उनका सम्मान है क्योंकि जीवनसाथी ने साहित्य सेवा में सहयोग दिया और माताजी ने आशीर्वाद प्रदान किया।