साहित्यिक संस्था "कोशिश" का वार्षिकोत्सव जौनपुर में संपन्न

साहित्यिक संस्था "कोशिश" का वार्षिकोत्सव जौनपुर में संपन्न

साहित्यिक संस्था "कोशिश" का वार्षिकोत्सव जौनपुर में संपन्न

_  शानदार राष्ट्रीय कवि सम्मेलन में झूमे श्रोता

* संवाददाता

       जौनपुर :  साहित्यिक और सांस्कृतिक संस्था "कोशिश" का वार्षिक समारोह संपन्न हुआ। इस अवसर पर कविता संग्रह " उल्लास " का लोकार्पण और जनार्दन अष्ठाना के दोहा  पथिक का विमोचन, तिलकधारी महाविद्यालय जौनपुर के सभागृह में किया गया।

   मां वीणापाणी की वंदना के पश्चात मुंबई से पधारे कवि रासविहारी पांडेय का मुक्तक प्यास को दे तृप्ति का नाम वही कविता है,कविता की गहनता को परिभाषित कर गया।

 गिरीश का गीत-कहीं कवने सनेहियां से पीर हिरना, झरैइ  झरझर नयनवां से नीर हिरना लोक मन को छू गया। बरेली  से पधारे डाक्टर राहुल अवस्थी की कविता---जीवन हर गम से रीता हो जायेगा, हारा होगा तो जीता हो जायेगा,खूब पसंद किया गया। 

   प्रो. वशिष्ठ का शेर -सबकी नजरों में खास लगते हो, फिर भी कुछ  कुछ उदास लगते हो" आधुनिक देवदास का चित्र खींच गया। राजेंद्र तिवारी लल्लू की पंक्ति--प्यार कच्चा घड़ा नहीं होता,प्रेम को रुपायित कर गया।

   मैकस आजमी का शेर-रात में फोन मैं नहीं करता, वों कोई ख्वाब देखता होगा।   सभी को संवेदित कर गया।पथिक  का छंद--पाती तेरी मिल पाती नहीं,कलपाती रही,कलपाती नहीं हूं,अवधी की छटा विखेर गया।

  अशोक मिश्र की पंक्ति ---मेरे मनुहार का हर अतिक्रमण , बुलडोजर होता है, श्रोताओं को को  गुदगुदा गया।  निसार अहमद का शेर, चिता की आग से रोटी बनाते मैंने देखा है, गरीबी का दयनीय चित्र खींच गया।

  लोकभाषा के अद्भुत कवि जगदीश पंथी-का गीत--सोनवा के बलिया लटकय सिवनवां में, देखि के चंदनिया सिहाय,धरती की सुंदरता का  अनुपम वयान कर गया। प्रखर जी का व्यंग्य और पी  सी  विश्वकर्मा का शेर भी खूब पसंद किया गया।

     इस सम्मेलन में रामजीत मिश्र,  सुशील दुबे ,राजेश पांडेय,दमयंती सिंह, आसिफ जौनपुरी, आशिक जौनपुरी, अमृत प्रकाश, नंद लाल समीर,  सुमति जी,डाक्टर विमला सिंह, फूलचंद भारती, अनिल उपाध्याय, अंसार जौनपुर,नेहा सिंह, संजय सागर, शशांक मिश्र, डाक्टर अजय तथा विक्रम सिंह ने काव्य पाठ किया। सम्मेलन में  दिनेश टंडन  , प्रो. आर एन ओझा, अमित अग्रहरी, डाक्टर  शुभ्रा सिंह  ,प्रो विनय सिंह    ,डाक्टर  सुभाष सिंह, डाक्टर राकेश दुबे  की उपस्थिति उल्लेखनीय रही।

   कार्यक्रम का संचालन डाक्टर राहुल अवस्थी ने और आमंत्रित कवियों,  अतिथियों और श्रोताओं के प्रति आभार प्रो. आर.एन  सिंह ने व्यक्त किया।