महाराष्ट्र आरोग्य विज्ञान विद्यापीठ, नाशिक द्वारा राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन

महाराष्ट्र आरोग्य विज्ञान विद्यापीठ, नाशिक द्वारा राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन

महाराष्ट्र आरोग्य विज्ञान विद्यापीठ, नाशिक द्वारा राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन

* संवाददाता

        नालासोपारा : पंचकर्म विभाग द्वारा नालासोपारा आयुर्वेद मेडिकल कॉलेज के सभागृह में " विविध  व्याधियों में रक्तमोक्षण चिकित्सा" विषय पर परिसंवाद  का आयोजन किया गया।

    आयुर्वेद का मुख्य उद्देश्य स्वस्थ्य व्यक्तियों में सकारात्मक स्वास्थ्य बनाए रखना, साथ ही रोगग्रस्त व्यक्ति का इलाज करना है। पंचकर्म का अर्थ है आयुर्वेद की अनूठी विशेष पांच चिकित्सीय तकनीकें क्रमशः वमन, विरेचन, बस्ती, नस्य और रक्तमोक्षण । उनमें से एक कर्म रक्तमोक्षण है ।

     नालासोपारा आयुर्वेद मेडिकल कॉलेज के पंचकर्म विभाग द्वारा आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी में उसी के महत्व को समझाने का प्रयास किया गया ।

     इस राष्ट्रीय  संगोष्ठी  की शुरुवात धन्वंतरी स्तवन एवं पूजन से की गई ।महाविद्यालय के डायरेक्टर डॉक्टर ओमप्रकाश दुबे ने कार्यक्रम का उद्घाटन किया l अपने उद्घाटन भाषण में उन्होंने कहा कि "आज के काल मे पंचकर्म चिकित्सा और उसमें भी रक्तमोक्षण एक सर्वोत्तम चिकित्सा बन गई है।

   डोंबिवली स्थित सुप्रसिद्ध आयुर्वेद चिकित्सक एवं पंचकर्म  तज्ञ डॉक्टर महेश ठाकूर ने रक्त मोक्षण कर्म अनेक व्याधियों पर किस तरह से उपयुक्त है इसका नैदानिक अनुभव बताते हुये गृध्रसी(sciatica), पार्षणीशूल (calcanus spur), आमवात (Rhumatoid Arthritis) post herpetic neuralgia आदि व्याधियों में रक्तमोक्षण किस तरह से किया जाता है यह बहुत ही सरल भाषा में समझाया I ।   

    पारुल युनिव्हर्सिटी, वडोदरा, गुजरात के पंचकर्म विभाग के अधिव्याख्याता डॉक्टर नंदकिशोर उमाळे द्वारा रक्तमोक्षण के मूलभूत सिद्धांत समझाये गये। रक्तमोक्षण चिकित्सा दोष,धातू की दुष्टी देख कर ही करनी चाहिये और रुग्ण की लिखित सहमति भी लेना जरुरी है ऐसा भी उन्होंने बताया l

    येवला आयुर्वेद महाविद्यालय नाशिक के पंचकर्म विभाग के अधिव्याख्याता डॉक्टर प्रमोद मंडलकर ने रक्तमोक्षण के लिए अनुकूल तकनीकों का उदाहरण के साथ वर्णन किया एवं यह  चिकित्सा क्यूँ, कहां, कब और कैसे की जाती है यह भी बताया l

    नालासोपारा आयुर्वेद मेडिकल कॉलेज के पंचकर्म विभाग के विभाग प्रमुख एवम अधिव्याख्याता डॉक्टर सचिन कुडमते एवं व्याख्याता डॉक्टर शिवानी दुबे पाठक ने अलग-अलग प्रकार की रक्तमोक्षण विधियों का प्रात्यक्षिक दिखाया l   

    महाराष्ट्र आरोग्य विज्ञान विद्यापीठ द्वारा नियुक्त डॉक्टर योगेश कोटांगळे जो कि हडपसर आयुर्वेद कॉलेज में कार्यरत हैं उन्होंने इस कार्यक्रम का निरीक्षण किया और कार्यक्रम नियोजनबद्ध एवं ज्ञानवर्धक रहा, अभिप्राय देकर आयोजकों को गौरवान्वित किया।

    पंचकर्म विभाग के विभागप्रमुख डॉक्टर सचिन कुडमते, व्याख्याता डॉक्टर शिवानी दुबे पाठक द्वारा नियोजित यह संगोष्ठी महाविद्यालय के डायरेक्टर डॉक्टर ओमप्रकाश दुबे, संस्था की विश्वस्त एवं स्त्रीरोग प्रसुती तंत्र की विभाग प्रमुख डॉक्टर ऋजुता दुबे , महाविद्यालय की प्राचार्या डॉक्टर हेमलता शेंडे के मार्गदर्शन में संपन्न हुई ।

     आयोजन के अंत में आभार प्रदर्शन महाविद्यालय की रसशास्त्र विभाग प्रमुख डॉ. सरिता पासी द्वारा किया गया l