प्राध्यापक और कवि श्री वीरेंद्र तिवारी की शिक्षक दिवस पर विशेष कविता .... मैं एक शिक्षक हूँ
प्राध्यापक और कवि श्री वीरेंद्र तिवारी की शिक्षक दिवस पर विशेष कविता ....
मैं एक शिक्षक हूँ
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मै एक दर्पण हूँ,
सही गलत बताता हूँ,
लोगों को सही राह दिखाता हूँ,
विद्यार्थी को जीवन का रहस्य समझाता हूँ,
कयोंकि मै एक शिक्षक हूँ।
अज्ञान को मिटाकर ज्ञान प्रदान करता हूँ,
देश मे सच्चा सपूत तैयार करता हूँ ,
लोगो में देश प्रेम का भाव जगाता हूँ,
उनको कर्तव्य परायण बनाता हूँ,
कयोंकि मैं एक शिक्षक हूँ।।
आन बान शान का पाठ पढ़ाता हूँ,
स्वाभिमानी उन्हें बनाता हूँ ,
देश के प्रति निष्ठावान उन्हें बनाता हूँ,
समस्याओं से लडने की हिम्मत बंधाता हूँ,
क्योंकि मैं एक शिक्षक हूँ।।
दुनिया का दस्तूर बताता हूँ,
लोगों से पहचान कराता हूँ,
उनको एक आईना बनाता हूँ ,
सही राह पर चलाता हूँ ,
समाज के लिए सुदृढ बनाता हूँ,
क्योंकि मैं एक शिक्षक हूँ।।
(सभी शिक्षकों को यह कविता समर्पित है)
कवि : वीरेंद्र तिवारी
प्राध्यापक, मुंबई