सरिता लोक सेवा संस्थान द्वारा सुल्तानपुर के दो साहित्यकारों को प्रदान किया गया 'हिंदी सौरभ सम्मान '
सरिता लोक सेवा संस्थान द्वारा
सुल्तानपुर के दो साहित्यकारों को प्रदान किया गया 'हिंदी सौरभ सम्मान '
* संवाददाता
सुल्तानपुर : 'सरिता लोक सेवा संस्थान' सहिनवाँ सुल्तानपुर के तत्वावधान में आयोजित सरिता स्मृति अखिल भारतीय सम्मान समारोह प्रेस क्लब ,अयोध्या में संपन्न हुआ। जिसमें
संस्थान के संस्थापक डाॅ० कृष्णमणि चतुर्वेदी 'मैत्रेय' जी द्वारा हिन्दी साहित्य के पाठ्यपुस्तक लेखक एवं साहित्यकार सर्वेश कांत वर्मा 'सरल' एवं साहित्यकार इंद्रजीत सिंह 'अर्चक' को हिंदी सौरभ सम्मान से अलंकृत किया गया। इनके साथ ही संस्थान ने कई कवियों और साहित्यकारों को भी सम्मानित किया।
इसी मंच पर श्री इंद्रजीत सिंह 'अर्चक' की काव्य कृति भाव कुसुमाकर का लोकार्पण कार्यक्रम की मुख्य अतिथि पद्मश्री डॉ० विद्या बिंदु सिंह (लखनऊ) के हाथों से हुआ ।
जनपद सुल्तानपुर के हलियापुर गाँव के निवासी श्री इंद्रजीत सिंह 'अर्चक' 'खण्ड विकास अधिकारी' के पद से सेवानिवृत्त हैं और साहित्य की सेवा में संलग्न हैं। आप कई रचनाओं का सृजन कर चुके हैं जिनमें से गंगार्चक काव्यांजलि तथा भाव कुसुमाकर प्रकाशित हो चुकी हैं ।
इसी जनपद के अंबेडकरनगर रोड पर स्थित बनमई गाँव के निवासी, रामरती इण्टर कॉलेज द्वारिकागंज में शिक्षक पद पर कार्यरत श्री सर्वेश कांत वर्मा 'सरल' ने हाई स्कूल तथा इण्टरमीडिएट में उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा निर्धारित पाठ्यक्रम के अन्तर्गत हिंदी साहित्य की पाठ्य पुस्तकें लिखकर कीर्तिमान स्थापित किया है ।
यह कार्यक्रम 'तुलसी का जन्म स्थान कथ्य और तथ्य' विचार गोष्ठी पर केंद्रित रहा। देश के कोने-कोने से आए हुए विद्वानों ने इस पर अपने-अपने विचार रखे । कार्यक्रम की अध्यक्षता श्री सभापति मिश्र जी (प्रयाग) ने की। मुख्य अतिथि पद्मश्री डॉ० विद्या बिंदु सिंह (लखनऊ) तथा विशिष्ट अतिथि डॉ० महेंद्र प्रताप सिंह (लखनऊ) थे।
जनपद सुल्तानपुर से डॉ0 सुशील कुमार पांडेय 'साहित्येन्दु' ,श्री बृजेश कुमार पांडेय 'इंदु', श्री अनिल कुमार वर्मा 'मधुर', सत्येंद्र कुमार सिंह 'सजल' तथा जनपद अयोध्या से श्री कृष्ण द्विवेदी 'अज्ञान', श्री गुरु प्रसाद त्रिपाठी 'घनश्याम' ,श्री भवानी प्रसाद मिश्र 'विभोर' ,श्री कर्मराज शर्मा 'तुकांत', रायबरेली से श्री इन्द्रेश सिंह 'भदौरिया' आदि सम्मानित साहित्यकार इस आयोजन में उपस्थित रहे।
कार्यक्रम का संचालन आशुकवि श्री मथुरा प्रसाद सिंह 'जटायु' (सुल्तानपुर) ने किया।