एक्टर बनने से पहले मैं एक बदबूदार बेसमेंट में सोता था - सानंद वर्मा

एक्टर बनने से पहले मैं एक बदबूदार बेसमेंट में सोता था - सानंद वर्मा

एक्टर बनने से पहले मैं एक बदबूदार बेसमेंट में सोता था - सानंद वर्मा

* बॉलीवुड रिपोर्टर 

 
     सानंद वर्मा उर्फ एण्डटीवी के ‘भाबीजी घर पर हैं‘ के अनोखे लाल सक्सेना, अपने तानों, विचित्रताओं और अपने मशहूर तकियाकलाम ‘आई लाइक इट!‘ के लिये सबसे ज्यादा जाने जाते हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि आज वह जिस मुकाम पर हैं वहां पहुंचने के लिये उन्होंने कितना कुछ सहा है? 

सानंद को ऑडिशन देने के लिये मीलों पैदल चलना पड़ता था और वे एक्टिंग को लेकर इतने दीवाने थे कि उन्होंने एक एक्टर बनने के सपने को पूरा करने के लिये अच्छी-खासी नौकरी तक छोड़ दी। हाल ही में दिए एक इंटरव्यू में इस एक्टर ने अपने शुरूआती संघर्षों के बारे में बताया और इस मुकाम तक पहुंचने के लिये उन्हें किन परेशानियों से होकर गुजरना पड़ा, उसके बारे में बात की।  

सानंद वर्मा उर्फ एण्डटीवी के ‘भाबीजी घर पर हैं‘ के अनोखे लाल सक्सेना कहते हैं, ‘‘जब मैं अपना कॅरियर बनाने मुंबई आया तो रहने की कोई जगह नहीं थी। मुझे याद है अपने कॅरियर के शुरूआती दिनों में मुझे एक दवा कंपनी के बदबूदार बेसमेंट में सोना पड़ा था। चूंकि, दिल्ली में मेरा पत्रकारिता का बैकग्राउंड था, मुझे एक न्यूज पब्लिकेशन में काम मिल गया और मैंने वहां काम करना शुरू कर दिया। इसके बाद मैं आगे बढ़ा और एक काॅरपोरेट कंपनी में काम करने लगा, जहां मैंने बहुत अच्छा वक्त देखा और मुझे बहुत ही अच्छी सैलरी मिलती थी। लेकिन उसके बाद मैंने एक्टर बनने के लिये अपनी 50 लाख रुपये की सालाना आय वाली काॅरपोरेट नौकरी छोड़ दी। बचपन से ही मैं एक एक्टर बनना चाहता था। मैं ऑडिशन देने के लिये एक दिन में लगभग 50 किलोमीटर चला करता था। अपनी नौकरी छोड़ने के बाद, मैंने अपना सारा पैसा घर पर लगा दिया और अपनी कार बेच दी क्योंकि मेरे पास उसकी किश्त भरने के लिये पैसे नहीं थे। चूंकि, मुझे अपने काॅरपोरेट कॅरियर में काफी पैसे मिला करते थे तो मुझे लक्जरी लाइफस्टाइल की आदत थी। बस और ट्रेन जैसे पब्लिक ट्रांसपोर्ट मेरे लिये नहीं थे। साथ ही रोज सफर करने के लिये कैब या रिक्शा करना भी संभव नहीं था। इसलिये मैंने पैदल चलने का फैसला किया। 

मेरे एक्टिंग कॅरियर की शुरूआत विज्ञापनों से हुई और काफी सारे लोग इस बात से अनजान हैं कि ‘भाबीजी घर पर हैं‘ में आने से पहले मैंने दर्जनों शोज़ में काम किया। मैं खुशकिस्मत हूं कि मुझे मेरे डायरेक्टर, शशांक बाली जी की मदद से ‘‘भाबीजी घर पर हैं‘ में अनोखे लाल सक्सेना का किरदार मिला। उसके बाद मैंने फिर कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। मेरा मानना है कि एक्टिंग ही मेरे लिये सही थी। इस किरदार को स्वीकार करने की वजह थी कि यह काफी अलग और चुनौतीपूर्ण किरदार था। इसे निभाना किसी भी एक्टर के लिये काफी मुश्किल था। वास्तविक जीवन में भी मैं थोड़ा पागल हूं।‘‘ 

सानंद आगे कहते हैं, ‘‘हमारे दर्शक हमारे सबसे बड़े आलोचक और प्रशंसक होते हैं। एक कलाकार बस लोगों का प्यार और सराहना चाहता है और मैं हमेशा उनका आभारी रहूंगा। जब वे आपको पहचानने लगते हैं और आपके किरदार और काम की तारीफ करते हैं तो बहुत संतुष्टि महसूस होती है। मुझे बहुत हैरानी होती है जब बच्चे मेरे किरदार को पसंद करते हैं और उसकी नकल करने की कोशिश करते हैं। उनके प्यार ने ही मुझे घर-घर में पहचान दिलायी। मैं खुद को धन्य मानता हूं कि मुझे इतना प्यार और तारीफें मिली।‘‘

-  सानंद वर्मा को अनोखे लाल सक्सेना के रूप में ‘भाबीजी घर पर हैं‘ में, रात 10:30 बजे हर सोमवार से शुक्रवार सिर्फ एण्डटीवी पर देखा जा सकता है..