नए आर्थिक श्रोतों के सुझाव के साथ पूर्व सांसद गोपाल शेट्टी ने की 'बीएमसी बजट' की सराहना

नए आर्थिक श्रोतों के सुझाव के साथ पूर्व सांसद गोपाल शेट्टी ने की 'बीएमसी बजट' की सराहना

नए आर्थिक श्रोतों के सुझाव के साथ पूर्व सांसद गोपाल शेट्टी ने की 'बीएमसी बजट' की सराहना

*  अमित मिश्रा

   बोरीवली : मुंबई महानगरपालिका के आर्थिक वर्ष 2025-26 के लिए 74427 करोड़ का बजट प्रस्तुत कर दिया गया है । इस बजट के उपरांत उत्तर मुंबई के पूर्व सांसद जनसेवक गोपाल शेट्टी ने अपनी प्रतिक्रिया के साथ कई नए आय के श्रोत व विभिन्न सुझाव प्रस्तुत करते हुए महानगरपालिका आयुक्त भूषण गगरानी को पत्र लिखा है। इस पत्र में जनसेवक शेट्टी ने नए आर्थिक स्रोतों व कर प्रणाली पर टिप्पणी करते हुए कहा है कि इस बजट के उपरांत नये आर्थिक श्रोत ढूंढना मनपा के लिए नितांत आवश्यक लग रहा है। जो नागरिक टैक्स न भरते हुए भी सभी नागरिक सुविधाओं का लाभ ले रहे हैं उनके लिए नियोजन बद्ध कर प्रणाली आवश्यक लग रही है।
  फेरी वालों पर टैक्स लगाने पर जनसेवक गोपाल शेट्टी ने कहा है कि फेरीवालों ने कभी भी टैक्स देने से इंकार नहीं किया है। फल-सब्जी विक्रेता , फूल विक्रेता व अन्य फेरी वालों को नियमानुसार अधिकृत रूप से आवश्यक लाइसेंस देकर उनके बैठने की जगह भी मुकर्रर कर देनी चाहिए ताकि किसी की भी प्रताड़ना का वे शिकार ना बनें और उनसे अवैध वसूली भी बंद हो।  उनके टैक्स से मनपा के खजाने में वृद्धि ही होगी।
   जनसेवक शेट्टी ने आगे कहा है कि शहर के विकास में नागरिक अप्रत्यक्ष रूप से कर भर रहे हैं क्योंकि सारे डेवलपमेंट चार्जेस मकान खरीदने वालों पर थोप दिया जा रहा है । ऐसे में बढ़ते टैक्स व डेवलपमेंट चार्जेस पर पुनर्विचार करते हुए महाराष्ट्र सरकार के
'अफ़ोर्डेबल हाउसिंग प्लान' के लिए पूरक उपाय योजना नितांत आवश्यक है।
  मल:निस्सारण, सड़कों का कॉन्क्रीटीकरण जैसे कार्य पूर्ण होने के उपरांत शेष निधी का उपयोग कहाँ होगा इसकी भी जानकारी जनसेवक गोपाल शेट्टी ने मांगी है।
  उन्होंने यह भी कहा है कि वे कॉंट्रेक्टरों के खिलाफ नहीं हैं पर यह भी सच है कि पिछले कई बजट से कॉंट्रेक्टरों का व्यवसाय धड़ल्ले से प्रगति पर नजर आता है। उनको दी जानेवाली निधि के अनावश्यक खर्च पर भी ध्यान उल्लेखनीय है। उनके खर्च का 'ऑडिट' पारदर्शक पद्धति से हो । 
  जनसेवक शेट्टी ने पत्र में बेस्ट को लेकर उल्लेख किया है कि बेस्ट को 1000 करोड़ का अनुदान दिया गया है। मुम्बई में मेट्रो, ऑटोरिक्शा व प्राइवेट गाड़ियों की संख्या में वृद्धि के कारण बेस्ट के यात्रियों की संख्या घटी है। ऐसे में एक श्वेतपत्र प्रस्तुत किया जाए और वीडियो ऑडिट द्वारा यात्रियों की वास्तविक संख्या का पता लगाया जाए।
  बेस्ट की आय में वृद्धि के लिए जनसेवक शेट्टी ने सुझाव भी दिया है कि वर्तमान समय में डिजिटल विज्ञापनों का बोलबाला है, और निजी कंपनियां इससे बड़े पैमाने पर राजस्व प्राप्त कर रही हैं। बेस्ट की बसें सम्पूर्ण मुंबई में चलती हैं, ऐसे में बस, बस स्टॉप और उसके अन्य बुनियादी ढांचे पर डिजिटल विज्ञापन लगाकर बेस्ट प्रशासन अतिरिक्त राजस्व प्राप्त कर सकता है। चल-विज्ञापन (ट्रांजिट एडवर्टाइजिंग), एलईडी स्क्रीन और स्मार्ट बस शेल्टर्स के माध्यम से बेस्ट को बड़े आर्थिक लाभ मिल सकते हैं। कई शहरों में सार्वजनिक परिवहन प्रणाली के माध्यम से विज्ञापनों से राजस्व प्राप्त किया जाता है। इसलिए, यदि बेस्ट प्रशासन इस नीति को प्रभावी ढंग से लागू करता है, तो इससे उसे आर्थिक स्थिरता में मदद मिलेगी और यात्रियों को बेहतर सुविधाएं भी मिल सकती हैं।
   मुंबईकरों के हित में मांग करते हुए जनसेवक गोपाल शेट्टी ने अन्त में कहा है कि मुंबईकरों को आगे कौन-कौन सी सुविधाएं मिलेंगी इसकी विस्तृत जानकारी उपलब्ध कराई जाए ।