नन्हें लेखकों ने लिख डाली किताब : सांसद श्री गोपाल शेट्टी हुए गदगद
नन्हें लेखकों ने लिख डाली किताब : सांसद श्री गोपाल शेट्टी हुए गदगद
इन बच्चों से मिलना मेरे लिए उत्साहजनक और आशान्वित क्षण है : सांसद गोपाल शेट्टी
* अमित मिश्रा
बोरीवली (मुंबई ) : कंप्यूटर और मोबाइल के इस तकनीकी युग में लोग पुस्तकों से दूर होते जा रहे हैं। बड़ों की बात तो छोड़िए आज अधिकांश बच्चों की भी रुचि किताबों से ज्यादा मोबाइल में देखी जा सकती है। ऐसे समय में अगर 9 से 11 साल के कुछ नन्हें बालक पूरी किताब लिख डालें तो यकीनन सुखद आश्चर्य होता है।
30 जुलाई की सुबह ऐसे ही छह नन्हें राइटर बच्चों का एक दल उत्तर मुंबई के सांसद श्री गोपाल शेट्टी से उनके कार्यालय में मिलने गया तो उनके किए उत्कृष्ट लेखन कार्य को देखकर सांसद श्री शेट्टी दंग रह गए। उन्हें प्रसन्नता हुई कि आज के समय में भी ऐसे नौनिहाल बच्चे भी हैं जो न सिर्फ अधिक से अधिक किताबें पढ़ने का शौक रखते हैं बल्कि इन प्रतिभाशाली बच्चों ने मिलकर पूरी किताब लिख दी और समाज को पॉजिटिव संदेश भी दिया कि किताबों का सफर जारी रखना हर समय हर काल में जरूरी है। सांसद श्री गोपाल शेट्टी ने इस पल को भविष्य के लिए बेहद आशाजनक क्षण बताया।
उन नन्हें राइटर्स की पुस्तक के अवलोकन के उपरांत अपनी प्रतिक्रिया देते हुए सांसद श्री शेट्टी ने कहा कि "आज बच्चे किताबें पढ़ने से दूरी बनाते जा रहे हैं। ऐसे समय में जब मोबाइल फोन और उसमे गेम के कारण पुस्तकों का उपयोग लगभग लुप्त हो रहा है, ऐसे दौर में बच्चों ने एक किताब लिख डाली और प्रकाशित भी की है । यह एक सुखद बात कही जायेगी। 31 जुलाई को गोरेगांव में इस पुस्तक का विमोचन होने जा रहा है। यह संपूर्ण विषय काबिले तारीफ है। इन राइटर बच्चों के सुनहरे भविष्य के लिए मेरी हार्दिक शुभकामनाएं हैं। "
बता दें कि लेट्स नॉट ग्रो अप ( चलो बड़े नहीं होते ) नामक यह किताब मात्र 9 से 11 साल के छह बच्चों ने मिलकर लिखी है जिसे 'इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स 2023' में स्थान मिला है। वहां इस पुस्तक को सबसे अधिक लेखकों वाली पुस्तक के रूप में स्थान दिया गया है।
'लेट्स नॉट ग्रो अप' की 354 पेज की किताब आरुष जैन, हितांश शाह, खनक साबू, रेवंत नांगलिया, रोनव बिहानी और युगेन मेहता द्वारा संकलित और द राइट ऑर्डर पब्लिकेशन्स द्वारा प्रकाशित की गई है।
पुस्तक "लेट्स नॉट ग्रो अप" में मैसूर के एक काल्पनिक स्कूल के विभिन्न स्वतंत्र लेखकों की कहानियां हैं। स्कूल में फ्री पीरियड, अचानक ली जाने वाली परीक्षा, खेल कार्यक्रम, अभिभावक शिक्षक बैठक, विज्ञान प्रयोगशाला में अनुभव,
कक्षा में जन्मदिन समारोह जैसे विषय की कथाएं पुस्तक में समाहित की गई हैं । पुस्तक पढ़कर पाठक अपने स्कूल की यादों को अवश्य ताज़ा करेंगे।