एस्केप लाइव में फेटिश गर्ल प्लाबिता सीरीज़ में अपने रोल को मानती हैं सबसे चुनौतीपूर्ण !

एस्केप लाइव में फेटिश गर्ल प्लाबिता सीरीज़ में अपने रोल को मानती हैं सबसे चुनौतीपूर्ण !

एस्केप लाइव में फेटिश गर्ल प्लाबिता सीरीज़ में अपने रोल को मानती हैं सबसे चुनौतीपूर्ण !

* बॉलीवुड रिपोर्टर

        एक प्रभावशाली कहानी का हिस्सा बनना हर एक्टर का सपना होता है लेकिन यह अवसर कम ही मिलता है। ऐसे  में डिज़्नी+ हॉटस्टार की आने वाली सीरीज़ एस्केप लाइव में 'फेटिश गर्ल' की भूमिका निभाने वाली प्लाबिता को भी एक ऐसे किरदार पर निभाने का मौका मिला है, जो उन्होंने पहले कभी नहीं किया है!  यह एक चुनौतीपूर्ण हिस्सा था और उन्होंने इसमें ढलने के साथ सफल होने के लिए तैयारी करनी थी।

    प्लाबिता ने एस्केप लाइव में फेटिश गर्ल की अपनी भूमिका की तैयारी के अपने अनुभव को साझा करते हुए कहा कि “तैयारी के कई दिन थे।  मैंने अपनी बॉडी लैंग्वेज और कोरियोग्राफर्स के साथ डांस परफॉर्मेंस और डायरेक्टर के साथ अपने डायलॉग्स और कैरेक्टर के टोन पर काम किया।  मुझे फेटिश गर्ल के लिए बहुत ज्यादा तैयारी की जरूरत थी, क्योंकि मैं चाहती था कि वह बिल्कुल सहज दिखे और मैं अपनी किरदार में बेहद सहज दिखना चाहती थी।  चूंकि मैंने कभी ऐसा किरदार नहीं निभाया है, इसलिए मुझे यह ऑफर मिलने के लिए बहुत आभारी हूं।  मुझे यह यकीन करने के लिए कड़ी मेहनत करने की ज़रूरत थी कि मैंने इसके साथ अपना बेस्ट प्रदर्शन किया है।"

     वह आगे कहती हैं-"यह अब तक की सबसे चुनौतीपूर्ण भूमिका है जिसे मैंने निभाया है।  खुद को देखना और सेल्फी कैमरे पर एक्ट करना मुश्किल था।  मुझे कहना होगा कि पूरे क्रू की वजह से मेरे लिए अपना बेस्ट प्रदर्शन करना संभव था।  पूरी टीम ने मुझे इतना आसान बना दिया, इसके बिना, मुझे सेट पर फेटिश गर्ल होने में मुश्किल होती।"

     एस्केप लाइव एक काल्पनिक कहानी है, जिसे जया मिश्रा और सिद्धार्थ कुमार तिवारी द्वारा बेहद खूबसूरती से लिखा गया है। कहानी में कंटेंट क्रिएटर्स का एक समूह है, जिसके अलग-अलग रास्ते हैं, लेकिन लक्ष्य एक है - वो भी वायरल कंटेंट का प्रोड्यूस करना, जो देश में सबसे नए ऐप एस्केप लाइव द्वारा घोषित एक जीवन-बदलती वाली हो। सिद्धार्थ कुमार तिवारी के वन लाइफ स्टूडियोज के तहत निर्मित, 9 -एपिसोडिक वाली सीरीज प्रतिस्पर्धात्मक होने की इंसानी फितरत और सफल होने की उनकी जिज्ञासा अभियान पर जोर देती है। इस सीरीज में बहुत ही टैलेंटेड कलाकारों की कास्ट है, जिसमें सिद्धार्थ, जावेद जाफ़री, श्वेता त्रिपाठी शर्मा, स्वास्तिका मुखर्जी, प्लबिता बोरठाकुर, वलूचा डी सूजा, ऋत्विक साहोरे, सुमेध मुदगलकर, गीतिका विद्या ओहल्यान, जगजीत संधू, रोहित चंदेल और बाल कलाकार आद्य शर्मा शामिल हैं।

      सीरीज़ का सार उस लंबाई की पड़ताल करता है जब सामग्री निर्माता और तकनीकी दिग्गज अपनी आकांक्षाओं को पाने के लिए यात्रा करने के मन बनाते हैं। भारत के अलग-अलग शहरों में स्थापित, सीरीज ने रीजनल ऑथेंटिसिटी को जोड़ने के लिए हर एक शहर के लिए अलग-अलग संवाद लेखकों का फायदा उठाया है। जैसलमेर में स्थित डांस रानी की कहानी में उनके संवाद विनोद शर्मा द्वारा लिखे गए हैं, जबकि आमचा की पंक्तियों को अमोल सुर्वे ने लिखा है। ठीक उसी तरह से मीनाकुमारी और सुनैना के संवादों के बनारस-आधारित किरदार रणवीर प्रताप सिंह द्वारा लिखे गए हैं, जबकि डार्की और फेस्टिश गर्ल के संवाद जया मिश्रा और सिद्धार्थ कुमार तिवारी द्वारा लिखे गए हैं।