'पुष्पा इम्पॉसिबल’ में राशि को ब्लैकमेल होने से बचाने के लिये पुष्पा का प्रोटेक्टिव रवैया...
‘पुष्पा इम्पॉसिबल’ में राशि को ब्लैकमेल होने से बचाने के लिये पुष्पा का प्रोटेक्टिव रवैया...
*बॉलीवुड रिपोर्टर
पुष्पा (करूणा पांडे) ने खाना बनाने के मामले में अपने जादू, चतुराई से भरे समाधानों और सकारात्मक नजरिये के कारण शो की शुरूआत से ही दर्शकों के दिल और दिमाग में एक खास जगह बनाई है। अभी पुष्पा की सबसे छोटी बच्ची राशि (देशना दुगड) कुछ उलझनों में फंसी है और पुष्पा एक बार फिर अपनी बेटी का साथ देने और उसे उलझनों से निकालने के लिये कमर कस चुकी है।
राशि अपने परिवार से छुपकर एक पार्टी में जाती है लेकिन उसे पता नहीं है कि आर्यन उसका पीछा कर रहा है और वह तब उसकी तस्वीर खींच लेता है, जब वह बियर की बोतल पकड़ने का नाटक कर रही होती है। आर्यन इस तस्वीर का इस्तेमाल राशि को ब्लैकमेल करने के लिये करता है क्योंकि वह राशि द्वारा उसे नजरअंदाज किए जाने का बदला लेना चाहता है। राशि अपनी तस्वीर के फैलने और इससे अपने परिवार की बेइज्जती के डर से आर्यन के साथ बात करने की कोशिश करती है। आर्यन तस्वीर को डिलीट करने से मना कर देता है और राशि सोचती है कि उसके पास स्कूल छोड़ने और आर्यन से मिलने के अलावा कोई चारा नहीं है, ताकि आर्यन को नजरअंदाज करने की कीमत चुकाई जा सके।
जब पुष्पा को पता चलेगा कि उसकी टीनेज बेटी को ब्लैकमेल किया जा रहा है, तब पुष्पा क्या करेगी और इस मुसीबत से कैसे निपटेगी?
राशि की भूमिका निभा रहीं देशना दुगड ने कहा, “पीछा करना, मर्जी के बिना तस्वीरें खींचना और ब्लैकमेलिंग एक अपराध है, जिसे कई लोग हल्के में लेते हैं। और ऐसी समस्याओं का सामना करने वाले भी कई लोग दूसरों को नहीं बताते हैं और चुपचाप सहते रहते हैं। यह पीड़ित के लिये बहुत दुखदायी हो सकता है। हमारे शो में राशि चुपचाप इसे सहन कर रही है और अकेले ही समस्या से निपटने की कोशिश कर रही है, जो आम बात है, लेकिन पीड़ित का ऐसा करना सही नहीं है। मुझे उम्मीद है कि अपने शो के जरिये हम पीड़ितों को बहादुर बनने और अपने दोस्तों तथा परिवार से इस पर बात करने की हिम्मत दे सकते हैं, ताकि वे उनकी मदद लेकर समस्या से निपट सकें!’’
इस पर पुष्पा की भूमिका निभा रहीं करूणा पांडे ने कहा, “ऐसे अपराध न केवल पीड़ित को, बल्कि उसे चाहने वालों को भी प्रभावित करते हैं। यह न केवल पीड़ित की निजता में, बल्कि उसके परिवार और दोस्तों की जिन्दगी में भी घुसपैठ है। ऐसी स्थिति में पीड़ित को न केवल अपने करीबी लोगों से बात करनी चाहिये, बल्कि पुलिस में शिकायत भी दर्ज करवानी चाहिये, क्योंकि ऐसा नहीं करने से अपराधी का हौसला ही बढ़ेगा। यह भी पता नहीं है कि इस तरह के कितने पीड़ित हो सकते हैं, अगर ऐसे अपराधों को रोकने की कोशिश न हो। तो अगर आप ब्लैकमेल, पीछा करने या इस तरह के दूसरे अपराधों से पीड़ित हैं, तो कृपया चुपचाप इसे सहन नहीं करें और इससे बिल्कुल डरें नहीं, बल्कि इससे मुकाबला करें।”