फेरीवालों की समस्या के हल लिए पूर्व सांसद गोपाल शेट्टी ने मुख्यमंत्री को लिखा पत्र
फेरीवालों की समस्या के हल लिए पूर्व सांसद गोपाल शेट्टी ने मुख्यमंत्री को लिखा पत्र
_ मुंबई के नागरिकों के दैनिक जीवन का अभिन्न अंग हैं फेरीवाले : गोपाल शेट्टी
_ सर्वदलीय बैठक के साथ जल्द रास्ता निकालने का शेट्टी ने दिया सुझाव
* अमित मिश्रा
बोरीवली : शहर के हजारों फेरीवाले इस शहर की समस्या नहीं व्यवस्था के अधीन अंग हैं, मुंबई के नागरिकों के दैनिक जीवन का ये फेरीवाले अभिन्न हिस्सा हैं अतः आवश्यक बाजार और हॉकर्स जोन का व्यवस्थापन महानगरपालिका और सरकार को करना चाहिए। ऐसा करने से मुम्बई की न सिर्फ फेरीवालों से जुड़ी समस्या और शिकायतों का हल निकलेगा बल्कि मुम्बई की डेढ़ करोड़ की आबादी के लिए वे सहायक भी होंगे, ये मानना है उत्तर मुम्बई के पूर्व सांसद गोपाल शेट्टी का। इन फेरीवालों से जुड़ी समस्या का योग्य और तेज गति से समाधान निकालने के लिए पूर्व सांसद गोपाल शेट्टी ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे तथा उप-मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़वणीस को एक पत्र लिखा है। पत्र में पूर्व सांसद गोपाल शेट्टी ने कहा है कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मुंबई को एक विश्व स्तरीय शहर बनाने की सोच रहे हैं। उस स्वप्न की पूर्ति के लिए ध्यान रखा जाए कि इस मुंबई शहर में दो महत्वपूर्ण प्रश्न हैं पहला मुंबई को झुग्गी-झोपड़ी मुक्त करना और दूसरा है इसे फेरीवाला मुक्त बनाने के लिए तत्काल कदम उठाने के साथ पूर्ण समाधान की योजना बनाना।
पूर्व सांसद गोपाल शेट्टी लम्बे समय से मुम्बई को झोपड़ा मुक्त करवाकर सभी झोपड़ावासियों को पक्के मकान दिलाने के लिए जहां संघर्षशील रहे हैं, वहीं शहर के फेरीवालों के लिए फेरीवाला जोन बनाने तथा उनके लिए समुचित संख्या में सब्जी मंडी उपलब्ध कराने का भी प्रयास वे करते आये हैं। इसका फायदा जहां नागरिकों को होगा, वहीं फेरीवालों की रोजी-रोटी भी चलेगी और शहर में फेरीवालों के कारण चरमरा रही यातायात व्यवस्था के हल के साथ-साथ शहर भी अधिक सुंदर लगेगा।
पत्र में पूर्व सांसद शेट्टी ने ज़िक्र किया है कि मुंबई शहर की आबादी डेढ़ करोड़ से अधिक हो रही है। ऐसे में नागरिकों के लिए आवश्यक फल, फूल और सब्जियों आदि की बिक्री के लिए मुंबई मनपा के माध्यम से पर्याप्त मात्रा में मंडियों (बाजार) का निर्माण नहीं हुआ है। पूर्व में कांदिवली, बोरीवली और मुंबई शहर के कुछ अन्य स्थानों पर जो सब्जी मंडियां बनाई गई थीं, वे भी जर्जर हालत में हैं। उनका पुनर्निर्माण कार्य तक शुरू नहीं हुआ है । इससे जुड़े मामले अदालत, मनपा कार्यालय और ठेकेदारों के ढांचे में फंसे हैं। एक ओर मुंबई शहर की जनसंख्या में बेशुमार वृद्धि के कारण भवन निर्माण में एफ.एस.आई. दोगुना/तीन गुना हो गई है, पर साथ ही मुंबई की विकास योजना योजना 2034 में बाजार निर्माण के लिए समुचित आरक्षण तक नहीं किया गया है।इसलिए अगर मामले पर गम्भीरता से ध्यान नहीं दिया गया तो मुम्बई शहर के लोगों को भविष्य में अभी और बड़ी समस्या का सामना करना पड़ सकता है।
पूर्व सांसद शेट्टी ने आगे लिखा है कि मुंबई शहर में कोई भी राजनीतिक दल फेरीवालों के बारे में गंभीरता से विचार नहीं करता है। इसलिए मेरा मानना है कि फेरीवालों की समस्या का समाधान खोजने के लिए सभी राजनीतिक दलों के नेताओं के साथ एक संयुक्त बैठक के माध्यम से उचित हल निकाला जाना चाहिए।
वे लिखते हैं कि फेरीवालों द्वारा रेलवे स्टेशन के साथ-साथ सड़क जंक्शन के 150 मीटर के दायरे में अतिक्रमण कर यातायात की समस्या पैदा करने के कारण अदालत के साथ-साथ प्रशासन भी बार-बार कार्रवाई कर चुका है और वे बार-बार कार्रवाई कर रहे हैं, लेकिन फेरीवाले सुनने के मूड में नहीं हैं। कृपया इस पर भी ध्यान दिया जाए। मुंबई शहर के लोगों की जरूरत के फल, फूल और सब्जियों की बिक्री की व्यवस्था करना मुंबई महानगरपालिका की जिम्मेदारी है और कुछ कारणों से वह अभी तक इसे पूरा नहीं कर पा रही है। इसलिए मेरा आपसे अनुरोध है कि आप शीघ्रता से सभी दलों के नेताओं से चर्चा कर कोई रास्ता निकालें।
पूर्व सांसद गोपाल शेट्टी ने अंत में लिखा है कि फेरीवाले कोई समस्या नहीं बल्कि राज्य सरकार, मुंबई महानगरपालिका और सभी राजनीतिक दलों के लोगों द्वारा उचित तरीके से प्रबंधित की जाने वाली एक प्रणाली है। सुप्रीम कोर्ट में वर्ष 1985 के बाद से हॉकर्स जोन बनाने के प्रस्ताव पर कोई निर्णय अभी तक पारित नहीं हुआ है। दूसरी ओर पीआयएल याचिकाकर्ता कोर्ट में केस दायर कर हॉकरों की समस्या का समाधान करने का प्रयास कर रहे हैं। लेकिन यह समस्या कोर्ट से हल नहीं होगी, मेरा सुझाव है कि सरकार और महानगरपालिका प्रशासन मुम्बई के फेरीवालों के लिए स्वयं समुचित व्यवस्था करे और कोई मार्ग निकाले।