मन्दिर तो हम बनाएंगे ही - गोपाल शेट्टी
मन्दिर तो हम बनाएंगे ही - गोपाल शेट्टी
- सिद्धिविनायक सोसाइटी परिसर के मंदिर का मामला लेकर शेट्टी पहुंचे कांदिवली पुलिस स्टेशन
- वरिष्ठ अधिकारियों ने उत्कृष्ट पोलिसिंग का जज्बा दिखाते हुए प्रस्तुत की मिसाल
- शेट्टी ने की मांग : पहले का मन्दिर हो तो नया मन्दिर बनाकर देने के एसआरए के नियम को फॉलो करें विकासक और अन्य विभाग भी तुरंत दें इसकी अनुमति
* अमित मिश्रा
कांदिवली : कांदिवली स्थित ईरानी वाड़ी के एसआरए प्रोजेक्ट के अंतर्गत निर्मित सिद्धिविनायक हाउसिंग सोसाइटी परिसर में विठ्ठल मंदिर कार्यों में अड़चन के मामले ने अब तूल पकड़ लिया और बात यहां तक पहुंच गई कि सोसाइटी के सनातन धर्मप्रेमी और जागरूक नागरिकों ने जब देखा कि मंदिर का मामला कानूनी पेचीदगियों में फंसकर उलझ रहा है और यह गांठ सुलझती नहीं दिख रही तो उन्हें सिर्फ एक जन सेवक की मदद मांगने का ख्याल आया और वो थे पूर्व सांसद गोपाल शेट्टी, जो जनसेवा के लिए हर प्रकार के संघर्ष करने में कोई कोताही नहीं बररते हैं और रिजल्ट लाने तक चुप न बैठने के लिए विख्यात हैं।
सिद्धिविनायक सोसाइटी के हिन्दू धर्मावलंबी नागरिकों ने जब भारी संख्या में पूर्व सांसद गोपाल शेट्टी के कार्यालय पहुंचकर अपनी पीड़ा और मांग का ब्यौरा दिया तो बिना एक पल की देरी किये सभी नागरिकों को लेकर पूर्व सांसद गोपाल शेट्टी सीधे कांदिवली पुलिस स्टेशन जा पहुंचे। पहले तो सभी को लगा था कि मामला गर्मागर्म बहस और कानूनी पचड़ों में उलझने वाला है। परंतु कांदिवली पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों ने उत्कृष्ट पोलीसिंग का सराहनीय जज्बा प्रस्तुत करते हुए न सिर्फ पूर्व सांसद शेट्टी की पूरी बात सुनी बल्कि मामले को योग्य तथा द्रुत गति से निपटाकर आवश्यक सहयोग और अनुमति का वादा भी किया।
वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों से मुलाकात के बाद पूर्व सांसद गोपाल शेट्टी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि इस सोसाइटी परिसर के विठ्ठल मन्दिर के लिए वर्षों से इन नागरिकों ने प्रयास किया था।
लगभग एक वर्ष से विकासक , SRA, यु.डी.,पोलीस आयुक्त, ट्रैफिक विभाग के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक के दरवाजों पर ये नागरिक दस्तक देते आये हैं। मैंने तब से लगातार इनको सहयोग किया था। लगभग हर जगह से अनुमति मिलने के बाद अब कांदिवली पुलिस की एनओसी प्राप्त करने के लिए ये नागरिक दौड़भाग कर रहे थे और आज कांदिवली पुलिस ने भी मेरी मुलाकात के बाद सहयोग करने व जल्द इस प्रश्न का निस्तारण कर एनओसी देने का वादा कर लिया है।
पूर्व सांसद गोपाल शेट्टी ने आगे कहा कि न सिर्फ एसआरए की ये सोसाइटी बल्कि हर सोसाइटी में जहां पहले मन्दिर या अन्य धार्मिक स्थल रहा हो उसके पुनर्निर्माण की जिम्मेदारी भी एसआरए विस्तारक की और उसके ही खर्च से होनी चाहिए। एसआरए के नियम में भी यह शामिल है। उसके साथ-साथ अन्य सभी विभागों को इसके लिए आवश्यक अनुमति जल्द देना भी समय की मांग है। सनातनधर्मियों की मन्दिर निर्माण प्रक्रिया में कभी कोई विघ्न नहीं आना चाहिए, मन्दिर तो हम बनाएंगे ही।