International Plastic Bag Free Day पर कलाकारों ने कहा "इको-फ्रेंडली विकल्प अपनायें और एक स्थायी जीवनशैली का रुख करें"

International Plastic Bag Free Day पर कलाकारों ने कहा "इको-फ्रेंडली विकल्प अपनायें और एक स्थायी जीवनशैली का रुख करें"

International Plastic Bag Free Day पर कलाकारों ने कहा "इको-फ्रेंडली विकल्प अपनायें और एक स्थायी जीवनशैली का रुख करें"

* बॉलीवुड रिपोर्टर

        हर साल 3 जुलाई को इंटरनेशनल प्लास्टिक बैग फ्री डे मनाया जाता है। इसका उद्देश्य पर्यावरण पर प्लास्टिक के नकारात्मक प्रभावों के बारे में जागरुकता फैलाना है। यह दिन लोगों को स्थायित्वपूर्ण विकल्पों के लिये डिस्पोजबल प्लास्टिक बैग्स को अपनी जिंदगी से दूर करने और इनके इस्तेमाल को खत्म करने के लिये दुनिया भर में चलाये जा रहे आंदोलन में सहयोग करने के लिये प्रेरित करता है। इस अवसर पर कलाकारों ने प्लास्टिक-फ्री जिंदगी जीने के लिए इस्तेमाल किए जा रहे इको-फ्रेंडली विकल्पों के बारे में बताया जो एक स्थायित्वपूर्ण (सस्टेनेबल) पर्यावरण में योगदान देते हैं। इन कलाकारों में शामिल हैं मनीषा अरोरा  (‘दूसरी माँ‘ की महुआ), गजल सूद (‘हप्पू की उलटन पलटन‘ की कैट सिंह) और शुभांगी अत्रे (‘भाबीजी घर पर हैं‘ की अंगूरी भाबी)।

    एण्डटीवी के ‘दूसरी माँ‘ में महुआ का किरदार निभा रहीं मनीषा अरोरा  ने कहा, ‘‘सिंगल-यूज प्लास्टिक के खतरनाक प्रभावों को समझने के बाद मैंने इसके इस्तेमाल को पूरी तरह से बंद कर दिया हैं । प्लास्टिक के उपयुक्त विकल्पों की तरह ही, मैं अपने इस्तेमाल की हर चीज को रिसाइकल करने की कोशिश करती हूं। इस तरह दोबारा इस्तेमाल में आने योग्य विकल्पों को अपने जीवन में अपना रही हूं और मुझे लगता है कि यह मेरी व्यक्तिगत जिम्मेदारी है। घर पर हम प्लास्टिक बैग्स के बजाय घर पर बने कपड़ों या नायलाॅन के थैलों का इस्तेमाल करते हैं। इस मामले में मेरी मां काफी टैलेंटेड है और वह अपनी कला का प्रदर्शन करते हुये इस्तेमाल में नहीं आने वाली चीजों को कुछ उपयोगी सामानों में बदल देती हैं। ग्राॅसरी शाॅपिंग पर जाते समय, मैं हमेशा उन नायलाॅन बैग्स का इस्तेमाल करती हूं और उनके इन बैग्स को उनका एक विवेकपूर्ण उपहार मानती हूं। स्टाइलिश सिंथेटिक पाॅलीमर बैग्स, जिन्हें मोड़ कर रखा जा सकता है, भी उपलब्ध हैं। आज की दुनिया में वैकल्पिक चीजों की ओर रुख करना बेहद जरूरी है। अगर हम अपनी रोजाना की आदतों में सुधार करने के लिए गंभीरता से समर्पित रहेंगे तो हम इस अद्भुत लेकिन सीमित दुनिया में एक-दूसरे के साथ रहकर सामंजस्यपूर्ण जीवन बिता सकेंगे।‘‘

     गजल सूद ऊर्फ ‘हप्पू की उलटन पलटन‘ की कैट सिंह ने कहा, ‘‘बायोडिग्रेडेबल विकल्पों का इस्तेमाल करने से हमारी धरती पर एक उल्लेखनीय सकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। आसानी से मिलने वाली चीजों जैसे कि नारियल के पत्ते, कागज, बांस, कपास और जूट न सिर्फ पयार्वरण हितैषी हैं, बल्कि हमारी सेहत के लिये भी सुरक्षित हैं। हम अपने घरों में जूट के थैलों का इस्तेमाल करते हैं, जो मजबूत, किफायती, टिकाऊ, बायोडिग्रेडेबल और काॅम्पोजिटल होते हैं। इसके अलावा, प्लास्टिक के इस्तेमाल से बचने के लिये मुझे अपनी पुरानी जीन्स से टोटे बैग्स बनाने और उन्हें रचनात्मक तरीके से दोबारा इस्तेमाल में लाने में भी मजा आता है। मैं एक परफेक्ट दैनिक समाधान के रूप में बांस से बने बैग्स को भी तवज्जो देती हूं। वे मजबूत होने के साथ ही हल्के भी होते हैं और ये टूटे या अपना आकार बदले बिना भारी सामानों को भी उठा सकते हैं। इन बैग्स को धोना आसान होता है, ये प्राकृतिक रूप से एंटी-फंगल एवं एंटी-बैक्टीरियल होते हैं और इनसे मैं अपना एक स्टाइल स्टेटमेंट भी बना सकती हूं। मुझे पक्का यकीन है कि प्लास्टिक के उत्पादों का इस्तेमाल कम करने, उनके उपयोग से इनकार करने और उन्हें बार-बार इस्तेमाल में लाने से धरती को अधिक स्वच्छ, हरा-भरा और सस्टेनेबल बनाने में मदद मिल सकती है।‘‘

       शुभांगी अत्रे ऊर्फ ‘भाबीजी घर पर हैं‘ की अंगूरी भाबी ने कहा, ‘‘पर्यावरण की रक्षा करने के लिये, हम सभी के लिये यह जरूरी है कि हम सिंगल-यूज प्लास्टिक को घटाने के लिये मिल-जुल कर प्रयास करें। हम जो भी प्लास्टिक डिस्पोज करते हैं, उन्हें या तो रिसाइकिल कर लिया जाता है अथवा वेस्ट-टु-एनर्जी फैसिलिटीज में जलाया जाता है। लेकिन दुर्भाग्य की बात यह है कि इसका अधिकांश हिस्सा धरती पर यूं ही पड़ा रहता है और उसे समाप्त होने मेें 1,000 साल तक का समय लगता है। यह भूमि और जल में हानिकारक पदार्थों को रिलीज करता है। खुशकिस्मती से हम प्लास्टिक की जगह पर्यावरण के अनुकूल विकल्पों को अपनाकर इस नुकसान से आसानी से बच सकते हैं। कपड़ा, जूट या कागज के बैग्स जैसे ढेरों रचनात्मक विकल्प उपलब्ध हैं। इसके अलावा किफायती बायोडिग्रेडेबल कैरी बैग्स भी एक बेहतरीन विकल्प हैं। मुझे क्राॅफ्ट करने में मजा आता है और अपने खाली समय में मैं पुराने कपड़ों का इस्तेमाल कर ये छोटे कैरी बैग्स बनाती हूं और उनपर एम्ब्राॅयडरी डिजाइन करती हूं। दोबारा उपयोग किये जाने वाले शाॅपिंग बैग्स के लिये काॅटन सबसे बेहतरीन मैटेरियल है, क्योंकि यह टिकाऊ और मुलायम होता है। यह उन कई रियूजेबल बैग्स में से एक है, जिसे धोया जा सकता है। यदि ग्राॅसरी शाॅपिंग के दौरान इन बैग्स में कोई चीज गलती से गिर जाती है, तो इन्हें आसानी से धोकर साफ किया जा सकता है। मुझे लगता है कि कचरे को रिसाइकिल और रियूज करने का यह एक प्रभावी तरीका है। इंटरनेशनल प्लास्टिक बैग फ्री डे पर, आईये हम सब मिलकर सहयोग करें और प्लास्टिक के इस्तेमाल को कम करने में योगदान देकर पर्यावरणीय रूप से अधिक जिम्मेदार नागरिक बनें। हम सब एकसाथ मिलकर हमारी धरती मां पर एक सकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं।‘‘ 

इस इंटरनेशनल प्लास्टिक बैग फ्री डे पर दोबारा इस्तेमाल करने योग्य विकल्पों को अपनायें और प्लास्टिक-मुक्त भविष्य की ओर कदम बढ़ायें!

_देखिये ‘दूसरी माँ‘ रात 8ः00 बजे, ‘हप्पू की उलटन पलटन‘ रात 10ः00 बजे और ‘भाबीजी घर पर हैं‘ रात 10ः30 बजे, हर सोमवार से शुक्रवार, सिर्फ एण्डटीवी पर!