पूर्व एमएलसी घनश्याम दुबे का निधन : श्रद्धाजंलि देने पहुंचे जनसेवक गोपाल शेट्टी सहित अनेक दिग्गज नेता तथा गणमान्य नागरिक

पूर्व एमएलसी घनश्याम दुबे का निधन : श्रद्धाजंलि देने पहुंचे जनसेवक गोपाल शेट्टी सहित अनेक दिग्गज नेता तथा गणमान्य नागरिक

पूर्व एमएलसी घनश्याम दुबे का निधन : श्रद्धाजंलि देने पहुंचे जनसेवक गोपाल शेट्टी सहित अनेक दिग्गज नेता तथा गणमान्य नागरिक

* अमित मिश्रा

   बोरीवली : मुम्बई भाजपा के मंत्री डॉ. योगेश दुबे के पिताश्री , महाराष्ट्र के पूर्व विधान परिषद सदस्य ( एमएलसी) एवं वरिष्ठ समाजसेवी घनश्याम दुबे का आज मंगलवार की सुबह आकस्मिक निधन हो गया। मुम्बई के लीलावती हॉस्पिटल में उनका उपचार चल रहा था जहां पर उन्होंने अंतिम सांस ली। 
  उत्तर प्रदेश के भदोहीं जिलान्तर्गत स्थित सुरियावां के मूल निवासी स्व. घनश्याम दुबे जी अपने पीछे पुत्र, पुत्री, नाती-पोतों सहित भरा पूरा परिवार छोड़ गए हैं। उनके निधन का समाचार सुनकर सभी अवाक रह गए। न सिर्फ उनके निवास परिसर बोरीवली बल्कि सम्पूर्ण मुम्बई और उत्तर प्रदेश तक यह दुःखद समाचार फैल गया। देखते-देखते सैकड़ों गणमान्य नागरिकों, अनेक जन-प्रतिनिधियों का हुजूम लीलावती हॉस्पिटल से लेकर बोरीवली ( पूर्व) स्थित घनश्याम दुबे निवास, कार्टर रोड क्रमांक 9 पर एकत्रित होने लगा।
   स्व. घनश्याम दुबे को श्रद्धाजंलि देने उत्तर मुम्बई के पूर्व सांसद जनसेवक गोपाल शेट्टी, पूर्व मंत्री रमेश दुबे, पूर्व राज्यमंत्री चंद्रकांत त्रिपाठी, मागाठाणे के विधायक प्रकाशदादा सुर्वे, उत्तर मुम्बई भाजपा के जिलाध्यक्ष गणेश खणकर, शिवसेना के वरिष्ठ नेता विनोद घोसालकर, डॉ. राधेश्याम तिवारी, डॉ. नरेंद्र कुमार, वरिष्ठ पत्रकार अमित मिश्रा, रमेश मिश्रा, डॉ.मनोज दुबे , निषाद कोरा तथा अजय पांडे सहित अनेक गणमान्य नागरिक और अनगिनत जन-प्रतिनिधि उपस्थित रहे।

   घनश्याम दुबे के निधन से सामाजिक, धार्मिक और राजनीतिक क्षेत्र को अपूरणीय क्षति हुई है। घनश्याम दुबे ने समाज को नई दिशा देने के लिए हमेशा संवाद और पहल का रास्ता अपनाया था। वे उत्तर भारतीय महासंघ एवं भारतीय विकास संस्थान के संस्थापक थे और उत्तर भारतीय समुदाय की आवाज़ को बुलंद करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते आये थे।
    स्व. घनश्याम दुबे का परिवार भारतीय समाज और खेल में भी अपनी धरोहर रखता है। वे राजनारायण दुबे के होनहार पुत्र थे, जो भारतीय कुश्ती जगत के पथ-प्रदर्शक के रूप में विख्यात रहे हैं। कुस्ती और पहलवानी  का शौक घनश्याम दुबे जी को भी रहा था और उन्होंने इस खेल में अपना अच्छा खासा वर्चस्व स्थापित किया था।  कुस्ती के दंगल लगवाने में भी उनकी उत्कृष्ट भूमिका मुम्बई शहर के कुस्ती प्रेमियों को सदा याद रहेगी।
   शिक्षा के क्षेत्र में क्रांति लाते हुए सुरियावां का पहला इंटर कॉलेज और डिग्री कॉलेज उन्होंने ही स्थापित किया था। वे घनश्याम दुबे महाविद्यालय और सेवाश्रम इंटर कॉलेज के अध्यक्ष और ट्रस्टी थे। उन्होंने सुरियावां में पहला कोल्ड स्टोरेज स्थापित कर क्षेत्र के व्यापार और रोजगार में अभूतपूर्व योगदान दिया।
 स्व. घनश्याम दुबे का परिवार भी समाज सेवा और राजनीति में सक्रिय भूमिका निभा रहा है। उनके बड़े पुत्र ब्रह्मर्षि आज़ाद प्रसिद्ध फ़िल्म निर्माता, निर्देशक और सफल अभिनेता होने के साथ-साथ शहर के दिग्गज व्यवसायी हैं।
   दुबे जी के द्वितीय पुत्र कैप्टन डॉ. योगेश दुबे वर्तमान समय में भाजपा के साथ सक्रिय रूप से जुड़े हुए हैं। राजनीति में उनकी भागीदारी घनश्याम दुबे की विरासत को आगे बढ़ाने का उत्कृष्ट प्रयास है। उनकी पुत्री डॉ. सुनिता दुबे भी जनसेवा में सक्रिय रहते हुए अपने पिता का नाम और अधिक गौरवान्वित कर रहीं हैं।