प्रेमा नागा सुंदरम को मिला शिवाली रत्न लाईफ टाईम अचीवमेंट अवाॅर्ड
प्रेमा नागा सुंदरम को मिला शिवाली रत्न लाईफ टाईम अचीवमेंट अवाॅर्ड
* संवाददाता
मुंबई : शिवाली कल्चरल सोसायटी आफ इंडिया का 72 वां शिवाली डांस फेस्टिवल मैसूर एसोसिएशन आडिटोरियम, माटुंगा में आयोजित किया गया। इस अवसर पर तमाम प्रतिभागियों ने शास्त्रीय नृत्य की मनोहारी प्रस्तुति से उपस्थित जनसमुदाय को भावविभोर कर दिया।
संस्था का इस वर्ष का शिवाली रत्न लाईफ टाईम अचीवमेंट अवाॅर्ड शास्त्रीय नृत्य के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए प्रेमा नागा सुंदरम एवं शिवाली नृत्य शिरोमणि अवाॅर्ड शास्त्रीय नृत्य क्षेत्र में अहम योगदान के लिए मनोरी दीपक कदम तथा नित्या रामनाथन को प्रदान किया गया।
मीरारोड निवासी एवं एसोसिएशन के प्रेसीडेंट सुरेंद्र मोहन राणा तथा सेक्रेटरी रजनी राणा ने बताया कि संस्था का उद्देश्य देश की नृत्य प्रतिभाओं को प्रोत्साहित करना तथा भारतीय संस्कृति को अक्षुण्ण बनाए रखना है। उन्होंने बताया कि नृत्य में रूचि रखने वाले बच्चों को तथा उनकी प्रशिक्षिका को प्रतियोगिता में पहली बार सहभागी होने पर नृत्य शिवाली का प्रमाणपत्र प्रदान किया जाता है। वहीं चार से पांच बार के प्रतिभागियों को नृत्य शिवाली अवॉर्ड तथा अगले चरण में नृत्य शिरोमणि अवॉर्ड देकर सम्मानित किया जाता है।
संस्था की सेक्रेटरी रजनी राणा ने बताया कि नृत्य के क्षेत्र में अहम भूमिका निभाने वाली प्रतिभाओं को संस्था शिवाली रत्न लाईफ टाईम अचीवमेंट अवॉर्ड प्रदान करती है।
प्रेसीडेंट सुरेंद्र मोहन राणा ने बताया कि हालांकि हमारा पूरा जोर देश के बच्चों तथा युवापीढ़ी को शास्त्रीय नृत्य के लिए प्रोत्साहित करना है, फिर भी संगीत में भी रूचि रखने वाली प्रतिभाओं को प्रोत्साहित करने का हमारा प्रयास है। जिसके लिए एसोसिएशन की ओर से प्रति वर्ष संगीत के क्षेत्र में भी संगीत शिवाली अवाॅर्ड, शिवाली संगीत शिरोमणि अवॉर्ड, शिवाली रत्न लाईफ टाईम अचीवमेंट अवॉर्ड प्रदान किया जाता है। राणा ने आगे बताया कि संस्था की स्थापना दिवंगत सीएम राणा ने वर्ष 1977 में नृत्य प्रतिभाओं को प्रोत्साहित करने के लिए की थी। उस दौर में संस्था की ओर से देश - दुनिया में तमाम कार्यक्रम एवं नृत्य फेस्टिवल आयोजित किए जाते थे। वर्तमान में संस्था महज मुंबई में ही वर्ष में एक बार नृत्य फेस्टिवल एवं अवॉर्ड वितरण का कार्यक्रम आयोजित करती है, ताकि बच्चों एवं युवापीढ़ी में छिपी नृत्य प्रतिभा को मंच प्रदान किया जा सके।