कविता : तेरे नैन...
कविता : तेरे नैन...
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तेरे नैन कहानी के सूत्रधार से
दिलों को जोड़ते मिलनसार से
उस प्यास उस करार से
तेरे नैन कहानी के सूत्रधार से
सावन में बयार से
संगीत की रसधार से
युद्ध में किसी तलवार से
तेरे नैन कहानी के सूत्रधार से
हर्ष से कोमल स्पर्श से
मुसीबत में विचार विमर्श से
हर वक़्त मन पर सवार से
तेरे नैन कहानी के सूत्रधार से
हर दिन किसी त्योहार से
बारिश की फुहार से
भटकते राही को उम्मीद की पुकार से
तेरे नैन कहानी के सूत्रधार से
भावों से ओत प्रोत
सुधा के एक मात्र स्रोत
झरने की झंकार से
तेरे नैन कहानी के सूत्रधार से
हर तकरीर हर तकरार में
मेरी हर जीत मेरी हर हार में
मेरे आचार से मेरे विचार से
तेरे नैन कहानी के सूत्रधार से
किसी मंत्र से किसी जंत्र से
दूर करते सब षड्यंत्र से
मैं और मुसीबत में खड़ी दीवार से
तेरे नैन कहानी के सूत्रधार से
मृग की तृष्णा से
राधा के कृष्णा से
गोकुल की बहार से
तेरे नैन कहानी के सूत्रधार से।
* रचनाकार : राजेश कुमार लंगेह (बीएसएफ)