करवा चौथ विशेष : चाँद को संदेश
करवा चौथ विशेष : चाँद को संदेश
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करवा चौथ का पर्व आया, चाँद के इतराने का दिन आया। ऐ चांद रोज चमकते हो, अपने समय पर,
लेकिन आज के दिन बहुत सताते हो, बहुत तड़पाते हो , हमारे संग लुका - छुपी का खेल खेलते हो , बहुत अनुनय के बाद अपना सुंदर -सलोना शीतल मुखड़ा दिखलाते हो।
तुम्हारे दर्शन होते ही एक ख़ुशी की लहर दौड़ जाती हैं, सुहागनों की आँखों में एक चमक आ जाती है। कर के पूजा तुम्हारी, तुम्हें अर्ध्य देकर पति की उतारकर आरती , अपना व्रत खोलती हैं।
हे चाँद सदा महिलाओं को अमर सुहागन का वरदान देना। उनका सिंदूर हमेशा चमकता रहे, ऐसा आशीष देना।
इस साल इतना मत तड़पाना, जल्दी-जल्दी आना । बादलों के संग लुपाछुपी का खेल हम को दर्शन दिखा कर फिर खेलना।
* रचनाकार : डॉ. मंजू लोढ़ा ( वरिष्ठ साहित्यकार एवं समाजसेवी) मुम्बई