श्री कृष्ण सभी आकर्षणों से ज्यादा आकर्षक हैं : शंकराचार्य श्री प्रज्ञानानंद सरस्वती
श्री कृष्ण सभी आकर्षणों से ज्यादा आकर्षक हैं : शंकराचार्य श्री प्रज्ञानानंद सरस्वती
* संवाददाता
मुंबई : काला चौकी के दिपक ज्योति टॉवर मे चातुर्मास बिराजे परम् पूज्य जगद्गुरु शंकराचार्य श्रीं प्रज्ञानानंद सरस्वती जी महाराज ने सोमवार शाम को भगवान श्री कृष्ण जन्माष्टमी के उपलक्ष में भक्तोँ को दिए अपने प्रवचन मे कहा कि श्री कृष्ण ने न सिर्फ अर्जुन को मुश्किल वक़्त में धर्म की राह दिखाई थी बल्कि पूरे संसार को यह भी बताया कि अगर जीवन कहीं भी,कभी भी, किसी भी तरह के संशय मे हो तो हमें क्या करना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि सबमें मुझे देखो, मुझे पा लो, यह कृष्ण जी कहते है श्री कृष्ण सभी आकर्षणों से ज्यादा आकर्षक हैं।
शंकराचार्य जी ने आगे कहा कि श्री कृष्ण ने हमें कुदरत से प्रेम का मंत्र दिया।श्री कृष्ण से हमें अहम सीख मिलती है कि गोवर्धन रूपी प्रकृति का यज्ञ करो। प्रकृति माता कि पूजा करो, पेड़ो को काटो नहीं बल्कि उनका पोषण करो। आज लोगों को चाहिए शांति और समाज को चाहिए क्रांति। कृष्ण कि लीलाओ मे यह क्षमता है कि हमें शांति और क्रांति दोनों दे सके। आगे उन्होंने बताया कि हमें श्री कृष्ण से प्रेरित सर्वजन हिताय गौ(वित्त), ब्राह्मण (विद्या) और गोवर्धन (वातावरण,प्रकृति) की पूजा के माध्यम से समाज की परेशानियों को दूर करने का मार्गदर्शन मिलता है।
जन्माष्टमी के अवसर पावन अवसर पर जैसे ही रात 12 बजे कृष्ण भगवान का अवतरण हुआ, उसके बाद उपस्थित भक्तोँ के हाथी घोड़ा पालकी,,,जय कन्हैया लाल की,,,नंद के घर आनंद भयो जय कन्हैया लाल की के जयकारों से पूरा पंडाल गुंजायमान हो गया। अवतरण के बाद सभी ने आरती कर प्रसाद का आनंद लिया।
मनसे के वरिष्ठ नेता तथा पूर्व मंत्री बाला नांदगावकर ने शंकराचार्य प्रज्ञानानंद सरस्वती के हाथों अपने निवास पर पूजन करवाकर आशीर्वाद लिया। इसी क्रम में प्रतिदिन गुरुदेव के सानिध्य मे पूजा का कार्यक्रम चल रहा है।
जन्माष्टमी के दौरान समाजसेवी गणपत कोठारी, नरेश सेन गुलाबगंज, संदीप सब्ज़ीवाला, मनीष, परेश रावल हालीवाड़ा,समाजसेवी दिगेश रावल असावा,दियांश रावल, महेश रावल असावा, विजयपाल सिंह,श्रीमती गीता देवी टेलर सिणधरी, श्रीमती शांति देवी राजपुरोहित थावला,राजू रावल,जीवाराम रावल,तेजाराम पुरोहित सरतरा,लक्ष्मण पुरोहित कालद्री,रविराज पुरोहित, वाली,
राहुल पुरोहित पाडीव समेत अनेक गणमान्य मौजूद रहे।