शंकराचार्य परम पूज्य श्री प्रज्ञानानंद सरस्वती जी महाराज का पालघर में आगमन
_ "अपनी संस्कृति-अपना संस्कार" कार्यक्रम संपन्न
* पालघर संवाददाता
पालघर : पालघर (पूर्व) में परम पूज्य जगतगुरु शंकराचार्य प्रज्ञानानंद सरस्वती जी महाराज का पहली बार आगमन हुआ
। श्री हरि नारायण सेवा संस्थान, सूर्यांश, पालघर पूर्व में आयोजित "अपनी संस्कृति, अपना संस्कार" कार्यक्रम में शामिल होकर पूज्य शंकराचार्य ने आयोजन को और अधिक भव्य और आध्यात्मिक रूप प्रदान किया। इस अवसर पर पालघर वासियों ने शंकराचार्य का दर्शन किया और आशीर्वाद पाकर स्वयं को धन्य महसूस किया।
कार्यक्रम की शुरुआत में श्री शंकराचार्य जी का स्वागत मासवन नाके पर हुआ। वहां से सैकड़ों की तादात में लोग कार रैली के साथ आयोजन स्थल पर पहुंचे। जहां सर्वप्रथम योगीराज स्वामी भारत भूषण 'भारतेंदु' ने अपने सन्निधानम के दिव्यांग शिष्यों के साथ गुरु की आरती की। इसके साथ ही योग प्रदर्शन, बांसुरी वादन और भक्तिमय भजनों ने इस भव्य आयोजन को और भी अधिक प्रभावशाली बना दिया। योग, संगीत और आध्यात्मिकता का यह अद्वितीय संगम "अपनी संस्कृति, अपना संस्कार" के उद्देश्य को पूरी तरह साकार कर गया।
इस ऐतिहासिक कार्यक्रम का सबसे बड़ा आकर्षण वह क्षण था, जब शंकराचार्य प्रज्ञानानंद सरस्वती जी की उपस्थिति में "प्रज्ञान भारतम"धनुर्विद्या गुरुकुलम की घोषणा योगीराज द्वारा की गई।
श्री शंकराचार्य जी ने अपने उद्बोधन में देशवासियों को संयम, धैर्य, और अनुशासन का पालन करने की अपील की। उन्होंने कहा कि आज के समय में सनातन धर्म के अनुयायियों को आपसी मतभेदों को भुलाकर एकजुट होने की आवश्यकता है। साथ ही उन्होंने समाज में छिपे असामाजिक तत्वों के प्रति सतर्क रहने की चेतावनी भी दी और सरकार द्वारा सनातन पीठ की स्थापना पर भी जोर दिया।
कार्यक्रम में मुख्य रूप से भारत राजपूत, जगदीश राजपूत, आर बी सिंह, डा. सुंदर कटारिया, रमेश बाफना, राममणि त्रिपाठी, कान्हा राम ,अविनाश श्रीवास्तव, अरुण जैन , भोलानाथ तिवारी, नंदन वर्तक, धर्मेंद्र प्रताप सिंह,चंदन सिंह, कुन्दन सिंह, सुरेश सावला,डा. निलेश पाटिल, शिवकुमार पोद्दार , राजू मिश्र, बालवेंद्र पांडेय,संगीता जी, अवधूत मोर, मारिया, असफाक, प्रमोद उपाध्याय , अरविंद सिंह, किशन अग्रवाल , एड.राहुल ठाकरे, डा. नितिन शर्मा, प्रदीप राव पिंपले, तुलसी छीपा ,रमेश सिंह, देवानंद संखे, जयेश घरत , रवि सिंह, अमोल घरत तथा डा. भगत का इस आयोजन में सराहनीय सहयोग रहा।