वर्धा में राष्ट्रभाषा प्रचार समिति  की चार दिवसीय कार्यशाला का शुभारंभ 

वर्धा में राष्ट्रभाषा प्रचार समिति  की चार दिवसीय कार्यशाला का शुभारंभ 

वर्धा में राष्ट्रभाषा प्रचार समिति  की चार दिवसीय कार्यशाला का शुभारंभ 

* संवाददाता

        वर्धा : राष्ट्रभाषा प्रचार समिति, वर्धा द्वारा पाठ्यक्रम पुनर्गठन संबंधी चार दिवसीय  कार्यशाला का आयोजन वर्धा में किया गया। नई शिक्षा नीति के उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए चार दिनों तक चलने वाली इस कार्यशाला का आज शुभारंभ हुआ।

    इस कार्यशाला में स्वाध्याय, प्रश्नपत्र प्रारूप मानक  हिंदी लेखन आदि विषयों पर विस्तार से चर्चा हुई।हिंदी के प्रचार-प्रसार के ज्वलंत प्रश्नों पर भी गहन विचार-विमर्श किया गया।

    इस अवसर पर अध्यक्ष के रूप में राष्ट्रभाषा प्रचार समिति के प्रधानमंत्री डॉ हेमचंद्र वैद्य,  सुप्रसिद्ध हिंदी साहित्यकार डॉ प्रमोद शुक्ला, प्रमुख अतिथिरामहित यादव भूतपूर्व प्रशासकीय  अधिकारी, मुंबई  व प्रमुख मार्गदर्शक प्रा. मुल्ला मोइनुद्दीन, कार्यक्रम के समन्वयक के रूप में डॉ रत्ना चौधरी मंच पर आसीन थे। सर्वप्रथम मां सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर,  दीप प्रज्वलन से कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया.  इस अवसर पर कार्यक्रम के अध्यक्ष डॉ.हेमचंद्र वैद्य ने राष्ट्रभाषा प्रचार समिति द्वारा हिंदी के प्रचार  हेतु संपूर्ण भारत और विदेशों में कार्यरत विभिन्न केंद्रों में अध्ययन अध्यापन द्वारा ली जाने वाली विभिन्न परीक्षाओं हेतु पाठ्यक्रम की जानकारी दी. समय अनुरूप हिंदी को जनउपयोगी बनाने हेतु कार्यशाला के आयोजन की विस्तृत जानकारी भी दी। प्रमुख वक्ता के रूप में उपस्थित  रामहित यादव ने हिंदी भाषा की संरचना, उसकी व्याकरणिक दृष्टि, अंतरराष्ट्रीय अंको का प्रयोग जैसे जटिल विषय का विश्लेषण कर, कार्यशाला में उपस्थित मान्यवर का मार्गदर्शन किया. इस अवसर पर सुप्रसिद्ध हिंदी साहित्यकार डॉ प्रमोद शुक्ला ने जनपद की हिंदी भाषा का साहित्यस्वरूप स्पष्ट करते हुए सृजनात्मक हिंदी में हिंदी साहित्य के विविध रूपों पर चर्चा कर मार्गदर्शन किया।

   कार्यशाला में मार्गदर्शन करते हुए प्रा. मुल्ला मोइनुद्दीन नई शिक्षा नीति के तहत भाषा के महत्व को प्रतिपादित करते हुए, राष्ट्रभाषा की विभिन्न परीक्षाओं के पाठ्यक्रम में परिवर्तन पर जोर देते हुए, भाषा के भाषा के प्रयोजनमूलक स्वरूप को स्पष्ट करते हुए हिंदी भाषा में कौशल्य विकास जैसी पाठ्यक्रमों के निर्माण पर बल दिया।इस अवसर  पर  राष्ट्रभाषा प्रचार समिति के विभिन्न सदस्य चार दिवसीय अलग-अलग सत्रों में पाठ्यक्रम पुनर्रचना संबंधी अपने विचार प्रस्तुत किए।इस अवसर पर पाठ्यक्रम कार्यशाला हेतु आमंत्रित मार्गदर्शक  पूर्णिमा पांडे, मुंबई  म न पा प्रशिक्षित शिक्षिका,प्रा. डॉ शारदा बियानी, अकोला ,श्रीमती भारती श्रीवास्तव, मुंबई म न पा शिक्षिका, मुरलीधर बेलखोडे,  डा शोभा बेलखोडे वर्धा, प्रा. डॉ राजेंद्र मालोकर, नागपुर प्रा डा संजय धोटे वर्धा  परीक्षा अधिकारी छत्रपाल धाबर्डे,  परीक्षा मंत्री  प्रकाश बाभळे के साथ ही राष्ट्रभाषा प्रचार समिति के कर्मचारी आधिकारिक संख्या में उपस्थित रहे।