नागपंचमी के अवसर पर विनय शर्मा दीप की कलम से देवी को समर्पित विशेष कजरी गीत ... " सैंया आवत बाने हो "
नागपंचमी के अवसर पर विनय शर्मा दीप की कलम से देवी को समर्पित विशेष कजरी गीत ...
" सैंया आवत बाने हो "
*****************
फुनवां आइल बा हो मुबाइल,सैंया आवत बाने हो।
सैइयां आवत बाने ना हो,राजा आवत बाने हो।।
अबकी जइबै माई के धमंवा। सैंया------
नाग पंचमी जल हौं चढैहौं,दुनहूं जन हर हर के मनइहौं।-2
शिव क लगी जयकारा,सैंया आवत बाने हो।।
शिव के धाम से चली सवारी,सीधे मइया के दुवारी -2
मइया बानी जग कल्याणी,सैंया आवत बाने हो।।
नरियर चुनरी अउर बतासा,कोइंछा में लेइके हौं आशा -2
तासा ढ़ोल नगाड़ा बजिहैं,सैंया आवत बाने हो।।
चैइत कुवार में दुनहूं जइबै,बरीस-बरीस क मंशा पुरइबै-2
दीप गइहैं गीतिया लचारी, सैंया आवत बाने हो।।
* कवि : विनय शर्मा दीप
( मुंबई )