नागपंचमी के अवसर पर विनय शर्मा दीप की कलम से देवी को समर्पित विशेष कजरी गीत ... " सैंया आवत बाने हो "

नागपंचमी के अवसर पर विनय शर्मा दीप की कलम से देवी को समर्पित विशेष कजरी गीत ... " सैंया आवत बाने हो "

नागपंचमी के अवसर पर विनय शर्मा दीप की कलम से देवी को समर्पित विशेष कजरी गीत ...
" सैंया आवत बाने हो "

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फुनवां आइल बा हो मुबाइल,सैंया आवत बाने हो।
सैइयां आवत बाने ना हो,राजा आवत बाने हो।।
अबकी जइबै माई के धमंवा। सैंया------

नाग पंचमी जल हौं चढैहौं,दुनहूं जन हर हर के मनइहौं।-2
शिव क लगी जयकारा,सैंया आवत बाने हो।।

शिव के धाम से चली सवारी,सीधे मइया के दुवारी -2
मइया बानी जग कल्याणी,सैंया आवत बाने हो।।

नरियर चुनरी अउर बतासा,कोइंछा में लेइके हौं आशा -2
तासा ढ़ोल नगाड़ा बजिहैं,सैंया आवत बाने हो।।

चैइत कुवार में दुनहूं जइबै,बरीस-बरीस क मंशा पुरइबै-2
दीप गइहैं गीतिया लचारी, सैंया आवत बाने हो।।

* कवि : विनय शर्मा दीप
                  ( मुंबई )