"हिंदी दिवस" पर सुरेश मिश्र की कलम से एक विशेष कविता "सच कहो तो पूरा हिंदुस्तान है हिंदी"

 "हिंदी दिवस" पर सुरेश मिश्र की कलम से एक विशेष कविता "सच कहो तो पूरा हिंदुस्तान है हिंदी"

 "हिंदी दिवस" पर सुरेश मिश्र की कलम से एक विशेष कविता "सच कहो तो पूरा हिंदुस्तान है हिंदी"

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हमारी आन बान शान है हिंदी,
करोड़ों लोगों की पहचान है हिंदी,
केवल माथे की बिंदी नहीं है ये -
सच कहो तो पूरा हिंदुस्तान है हिंदी।

सूर तुलसी कबीर है हिंदी,
भारत मां की चीर है हिंदी,
केशव, निराला,पंत है हिंदी,
एहसास ऐसा कि बसंत है हिंदी,

गांधी,तिलक,बोस है हिंदी,
शिवा -राणा का जोश है हिंदी,
अटक से कटक का परिधान है हिंदी
सच कहो तो पूरा हिंदुस्तान है हिंदी।

गंगा -गोदावरी का जल है हिंदी,
संस्कृति और संस्कारों का दल है हिंदी,
प्राकृत-पाली की संतान है हिंदी,
मीरा-महादेवी-रसखान है हिंदी,

भूषण,वरदाई की तान है हिंदी,
नापो मत, आसमान है हिंदी,
दिलों को जोड़ने का अरमान है हिंदी,
सच कहो तो पूरा हिंदुस्तान है हिंदी।

* कवि : सुरेश मिश्र ( मुंबई )