नालासोपारा आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज और कलास्पर्श के संयुक्त तत्वावधान में डॉक्टरों का शानदार कवि सम्मेलन

नालासोपारा आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज और कलास्पर्श के संयुक्त तत्वावधान में डॉक्टरों का शानदार कवि सम्मेलन

नालासोपारा आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज और कलास्पर्श के संयुक्त तत्वावधान में डॉक्टरों का शानदार कवि सम्मेलन

* संवाददाता

         नालासोपारा : नालासोपारा आयुर्वेद मेडिकल कॉलेज और  डॉक्टरों की कला को बढ़ावा देनेवाली संस्था 'कला स्पर्श ' ने  नालासोपारा-वसई-विरार के डॉक्टरों के लिए मानसून कविता पर आधारित "घन निळा - डॉक्टर्स कविसम्मेलन" का आयोजन किया।

     संस्था के सचिव डॉ. ओमप्रकाश दुबे ने कार्यक्रम की शुरूआत में कहा कि ''हम इन कार्यक्रमों के प्रारूप को उत्तरोत्तर उच्च स्तर पर ले जाने का प्रयास करेंगे ताकि डॉक्टरों की कला को प्रोत्साहन दिया जा सके और उनके व्यस्त जीवन के दैनिक तनाव को दूर किया जा सके । "

     कार्यक्रम में डॉ. ऋजुता ओमप्रकाश दुबे , डॉ. सुरेश पाटील , डॉ. सूरज गायकवाड, डॉ. रोहिणी पाटील, डॉ. सुरेखा धनावडे,  डॉ. सचिन मोहन गायधनकर, डॉ. श्रीकांत सिंह, डॉ. संजय राजाराम मांजलकर, डॉ. उमेश मिश्रा, डॉ. सेलीन फिगर, डॉ. पुनम सानेर, डॉ. प्रतिमा पाटील, डॉ. मोना त्रिवेदी, डॉ.रेणुका पाटील, डॉ.किशोर पांडव व डॉ. प्राजक्ता मिनासे आदि प्रसिद्ध डॉक्टरों ने "तो, ती आणि पाउस", "आठवण"," आया मौसम मॉन्सून का", " मला पुन्हा तिची आठवण आली"," "येतोस तू रुणू झुणू तेव्हा"," मला उमगलेला पाऊस"," "पावसाचे येणे जाणे" आदि जैसी कविताएं प्रस्तुत करके श्रोताओं को मंत्रमुग्ध  कर दिया l

    कार्यक्रम के बीच ही डॉ. स्वाती भिंगारे और  डॉ. ज्योति राठी के "गडबड कवी संघटनेच्या भन्नाट चारोळ्या" को भी प्रेक्षकों ने बहुत अच्छा प्रतिसाद दिया l

    यह कार्यक्रम डॉ. अस्मिता बनसोड़, डॉ. सरिता पासी, डॉ. ज्योति राठी  के सहयोग से एवं कॉलेज के डायरेक्टर डॉ  ओमप्रकाश दुबे, संस्था की ट्रस्टी डॉ. ऋजुता दुबे व प्राचार्या डॉ. हेमलता शेंडे के मार्गदर्शन में संपन्न हुआ।
       "कलास्पर्श" द्वारा आयोजित यह चौथा कार्यक्रम था। पहला कार्यक्रम कवि सम्मेलन के रूप में प्रस्तुत किया गया था, दूसरा कार्यक्रम गायन के रूप में और तीसरा मोनो एक्ट के रूप में पहले प्रस्तुत किया जा चुका है।
    कार्यक्रम का सूत्रसंचालन डॉ. प्रेरणा संजय मांजलकर तथा डॉ. श्रीकांत पाटिल द्वय ने और कार्यक्रम के अंत में डॉ. स्वाति भिंगारे ने आभार प्रदर्शन किया l