कविता : मत, निवेश है मतदान मत बोलो....
कविता : मत, निवेश है मतदान मत बोलो....
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यह निवेश है कोई दान नहीं
जो किया और भुला डालो
यह मत निवेश है तुम्हारा
इसे मतदान मत बोलो
तुम्हारा मत आजादी का प्रमाण है
सरकार चुनने में तुम्हारी
अहमियत का ऐलान है
सोच समझ कर सरकार चुन लो
मत निवेश है मतदान मत बोलो।
पहले भी मत का दान किया और भुला दिया
ना तुम्हारे सवालों के जवाब मिले
चुने लोगों ने भी भुला दिया
अब की बार मत का निवेश कर डालो
मत निवेश है मतदान मत बोलो।
निवेश सोच-समझ कर करो
हकीकत के सपने बुनो
निवेश होगा तो हिसाब होगा
गलत सही चुनाव का जबाब होगा
कभी नफा नुकसान भी तो तौलो
मत निवेश है मतदान मत बोलो।
आजाद होना और आजादी का एहसास होना अलग है
लोकतंत्र का सदैव गुणगान करो
मत ना करना होगा अपराध
हमेशा हक ही मांगते हो
अब फर्ज भी निभा डालो
मत निवेश है मतदान मत बोलो।
* रचनाकार : राजेश कुमार लंगेह
( जम्मू )