देवी गीत : घरे घरे दियना जलावेली
देवी गीत : घरे घरे दियना जलावेली
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घरे घरे दियना जलावेली मयरिया।
करेली डेहरिया अजोर ।।
नेहिंया क तेल सनेहिंया क बाती।
रचि-रचि दियना जरावैं सारी राती।
हियना बसावेलीं पीरितिया क डोर।।
रऊवे पोखरिया से किनले रहनी माटी।
हंथवा से लीप-पोती सजऊनी उहै टाटी।
सपना पुरावेलीं बखरिया के कोर ।।
अंचरा में पालि-पोसी पलका पे रखनी।
शीश अशीष देके मनशा पुरवनी ।
निंदिया पुरावै मयरिया के लोर ।।
* विनय शर्मा दीप
( कवि लेखक एवं गीतकार )
मुंबई