कविता : गजानन घर में पधारो
कविता : गजानन घर में पधारो ....
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गणपत गजानन महाराज, मेरे घर में पधारो।
घर में पधारो, मेरे घर में पधारो।।
लक्ष्मी सरस्वती दुर्गा काली।
राधा रुक्मणी ज्योतावाली।
रिद्धि सिद्धि संग विराजो।
हे गणपति गजानन महाराज।।
मोदक चढ़ाऊ तुझे लड्डू खिलाऊं।
दीप जलाऊं जयकारा लगाऊं।
मेरे अंतर्मन को भा जा ।
हे गणपति गजानन महाराज।।
गणपत गजानन महाराज मेरे घर में पधारो।
घर में पधारो मेरे घर में पधारो।।
* कवि : विनय शर्मा दीप
(कवि एवं पत्रकार - मुंबई )