गणेश जी के आगमन पर वंदन-अभिनंदन अवधी गीत " गणपत गजानन हरे"
गणेश जी के आगमन पर वंदन-अभिनंदन अवधी गीत " गणपत गजानन हरे"
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गणपत गजानन हरे।
आई गइलैं सबके घरे।।
भूखा भोजन प्यासा पानी।
मूरख बनिग बड़का ज्ञानी।
सब केहू जय-जय करें।।
गणपत गजानन हरे।
आई गइलैं सबके घरे।।
अन्हरा के आंख कोढ़िया के काया।
निर्धन के धन लोभिया के माया।
झोलिया अनधन भरे।।
गणपत गजानन हरे।
आई गइलैं सबके घरे।।
दिनन क दुःख हर्ता स्वामी।
विघ्न विनायक अंतर्यामी।
देवतन में सबसे बड़े।।
गणपत गजानन हरे।
आई गइलैं सबके घरे।।
* कवि : विनय शर्मा दीप
( मुंबई )