कविता : गांव की ठंडी
कविता : गांव की ठंडी
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स्वेटर,कंबल,रजाई,
मफलर,ऊनी शॉल
सभी लड़ाई लड़ि रहे,
मगर हाल बेहाल
मगर हाल बेहाल,
जरे कउड़ा दिन-रतिया
पैरा पालि कथरिया में
रोवइ संपतिया
कह 'सुरेश' केकरा से
बतिया कही हिया की
मतिया मारि दिहे बाटइ के
मोर पिया की ...
* कवि : सुरेश मिश्र ( मुंबई )
( हास्य-व्यंग्य कवि एवं मंच संचालक )