कविता : इच्छा ....

कविता : इच्छा ....

     कविता : इच्छा ....

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छू सकूँ बुलंदियां आसमां की..मुझे सांसे चन्द दे दो।
उड़ सकूँ काश मर्ज़ी से अपनी..मुझे ऐसे पंख दे दो।

जख़्म हो गहरे या हो हल्के..चाहे कितनी ही आह निकले,
जिससे बच जाए किसी का जीवन..मुझे ऎसे जख़्म दे दो।

दर्द बयाँ करने को अपने..जुबाँ नही मुझे चाहिए,
कह जॉऊँ ख़ामोशी से ही..मुझे ऎसे लफ्ज़ दे दो।

देखूं गर आँखों में नीर..बेरंग जीवन और पिघलती पीर,
रंग भर दूं सबके जीवन में.. मुझे ऐसे रंग दे दो ।

रंजिशें और गम से वाकिफ़..तक़दीर हर किसी की है ,
बदल सकूं तक़दीर सबकी..मुझे ऐसी कलम दे दो

*कवयित्री : रजनी श्री बेदी (जयपुर-राजस्थान)