कविता : मार्केट वैल्यू !

कविता : मार्केट वैल्यू !

कविता : मार्केट वैल्यू !
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सिर चढ़ नाचें टमाटर,
अदरक करे बवाल
धनिया की पत्ती लगे,
अब तो मालामाल

अब तो मालामाल,
उधर भिंडी रिसियाई
भइया कोंहड़ा ही खाने में 
दिखे भलाई

कह 'सुरेश' कविराय 
फकीरा पोथी बांचे
बाजारू जो लोग 
हमेशा सिर चढ़ नाचें

* कवि : सुरेश मिश्र
 ( हास्य व्यंग्य कवि ) मुंबई