केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान की अध्यक्षता में केंद्रीय राजभाषा समिति की बैठक
केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान की अध्यक्षता में केंद्रीय राजभाषा समिति की बैठक
* संवाददाता
नई दिल्ली : कौशल एवं उद्यमशीलता मंत्रालय, भारत सरकार की हिन्दी सलाहकार समिति की पहली सभा पार्लियामेंट एनेक्सी में हुई । सभा की अध्यक्षता समिति के अध्यक्ष केंद्रीय मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने किया।
राज भाषा समिति के मनोनित सदस्यों के साथ केंद्रीय राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर समेत लोकसभा के रमेश बिधूड़ी, सुमेधानंद सरस्वती, दिनेश चंद्र यादव और राज्यसभा के आदित्य प्रसाद, डॉ. सिकंदर कुमार, श्रीमती कांता कर्दम समेत छह सांसद बैठक में उपस्थित रहे।
इस बैठक में महाराष्ट्र राज्य का प्रतिनिधित्व समिति के सदस्य एडवोकेट विनय कुमार दुबे , उत्तराखण्ड से डॉक्टर सत्येन्द्र सिंह, तेलंगाना से श्रीमती अहिल्या मिश्र व अन्य राज्यों के प्रतिनिधियों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई ।
केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने इस अवसर पर कहा कि हिंदी सहज, सरल और आत्मबोध की भाषा है। देश को एक सूत्र में बांध कर रखने की शक्ति हिंदी भाषा में ही है। हिंदी को भारत सरकार संपूर्ण देश में उपयोग के लिए बढ़ावा दे रही है। किसी के ऊपर भाषा को थोपा नहीं जा सकता । एक दिन पूरा देश स्वतः हिंदी को स्वीकार करेगा क्योंकि हिंदी भारत ही नहीं बल्कि सारे विश्व की बोलचाल की भाषा बनती जा रही है।
समिति के सदस्य एडवोकेट विनय कुमार दुबे ने कहा कि प्रत्येक राष्ट्र का एक भाषा होना चाहिए। बिना राष्ट्र भाषा का राष्ट्र गूंगा होता है। क्षेत्रीय भाषाओं के सभी राज्यों को हिंदी में काम काज की भाषा के रूप में बढ़ावा देना चाहिए। सभी राज्यों को काम काज में द्विभाषा या त्रिभाषा का सूत्र अपनाना चाहिए। न्यायपालिकाओं में भी हिंदी भाषा को बढ़ावा देना चाहिए। हिंदी को राजभाषा के साथ राष्ट्र भाषा का दर्जा मिलना चाहिए।
राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर ने हिंदी के विभिन्न उपक्रमों की जानकारी दी।
समिति के सदस्य डॉ. सत्येंद्र सिंह तथा अहिल्या मिश्रा ने भी अपने अपने विचार व्यक्त किए।
समिति के सदस्य एडवोकेट विनय कुमार दुबे , डॉ. सत्येंद्र सिंह व श्रीमती अहिल्या मिश्रा ने अपनी रचनाओं को मंत्री को भेंट में प्रदान की ।