बेस्टी एजुकेशन के अंतर्राष्ट्रीय कवि सम्मेलन में फगुनाहट की छुअन 

बेस्टी एजुकेशन के अंतर्राष्ट्रीय कवि सम्मेलन में फगुनाहट की छुअन 

बेस्टी एजुकेशन के अंतर्राष्ट्रीय कवि सम्मेलन में फगुनाहट की छुअन 


* संवाददाता

          मुंबई : साहित्यिक, सामाजिक, सांस्कृतिक एवं शैक्षणिक अंतरराष्ट्रीय संस्था बेस्टी एजुकेशन एंड चैरिटेबल ट्रस्ट,दोहा कतर के बैनर तले फगुनाहट  विषय पर अनवरत 12 घंटे फागुन से जुड़े विविध विषयों पर काव्य पाठ हुआ। जिसका आयोजन उत्कृष्ट साहित्यकारों क्रमशः कवयित्री आशा पांडे झा,l तथा संयोजन संस्थापक बैजनाथ शर्मा मिंटू, राष्ट्रीय अध्यक्षा अफसाना सैय्यद ने किया। जिसमें देश-विदेश के सत्तर से अधिक लेखकों और कवियों ने भाग लिया।
   उद्घाटन सत्र सहित कुल 11 सत्रों में कार्यक्रम सुबह सवा ग्यारह बजे से शुरू हुआ। सत्र की अध्यक्षता जबलपुर के वरिष्ठ साहित्यकार आचार्य संजीव वर्मा सलिल ने की।बीज वक्तव्य डॉ सुरेंद्र डी. सोनी एसोसिएट प्रोफेसर (इतिहास) राजकीय लोहिया महाविद्यालय चूरू ने रखा।विशिष्ट अतिथि द्वय पत्रकार लेखक डॉ. सुधेन्दु ओझा तथा गजल सिंगर व कम्पोजर डॉ. अनिल शर्मा थे।
   कार्यक्रम के आयोजक व संयोजक आशा पांडेय ओझा व डॉ. बैजनाथ शर्मा मिंटू ने  सभी अतिथियों का स्वागत किया व कार्यक्रम की रूपरेखा सभी के सन्मुख रखी। प्रथम सत्र का संचालन स्मिता श्रीवास्तव ने किया।द्वितीय सत्र 12:15 बजे से 1:15 तक चला जिसमें किरण बाला किरण उदयपुर, छगन लाल  मुथा मुंबई, प्रमिला कौशिक दिल्ली प्राची राज गोरखपुर ने काव्य पाठ किया। सत्र की समीक्षा वरिष्ठ लेखिका आभा मेहता (अहमदाबाद) ने की और संचालन प्रियंका भट्ट उदयपुर ने किया।
  तृतीय सत्र की शुरुआत 1:15 से हुई इस सत्र में ज्योत्स्ना सक्सेना,जयपुर प्रीति शर्मा,स्मिता श्रीवास्तव नोएडा,योगेश समदर्शी गाजियाबाद  ने काव्य पाठ किया सत्र की समीक्षा वरिष्ठ साहित्यकार महेंद्र भट्ट ने की व सत्र का संचालन चंद्रकला भागीरथी ने किया।
  चतुर्थ सत्र की शुरुआत सवा दो बजे हुई जिसमें,भावना विशाल डॉ दिलीप बच्छानी पाली,शिव हरि शर्मा पाली जे.पी दिवेदी गाजियाबाद ने काव्य पाठ किया। सत्र का संचालन पी. एन भट्ट  जालोर ने और सत्र की समीक्षा वरिष्ठ ग़ज़लकार ऋषि  धीमान अहमदाबाद ने की।
   पाँचवे  सत्र 3.15 से श्रीमती उषा भदोरिया, अंगद सिंह धारिया,आगरा, कल्याण गुर्जर कोटपूतली जयपुर ,श्रीमती सरताज सबीना परवीन दिल्ली ने काव्य पाठ किया। सत्र का संचालन आशा दिनकर ने किया व सत्र की समीक्षा श्रीमती मंजुला श्रीवास्तव गाजियाबाद ने की।
   छठे सत्र की शुरुआत शाम सवा चार बजे हुई जिसमें नीलिमा चतुर्वेदी जयपुर,अनु श्री राठौड़ उदयपुर,कुशवाहा सपना ,अनीशा आयशा,सैयद आरिज़ उल्लाह हुसैनी, सैयद तासिन उल्लाह हुसैनी ने काव्यपाठ किया। सत्र का संचालन रिमझिम झा ने किया व सत्र की समीक्षा कोटा राजस्थान के वरिष्ठ साहित्यकार रामू भैया ने की।
  सातवें सत्र की शुरुआत शाम सवा पाँच से जिसमें शालिनी अग्रवाल अजमेर,डॉ स्वदेश चरोरा,कविता विकास धनबाद,के.पी अनमोल रुड़की ने काव्य पाठ किया। सत्र का संचालन अंजना सिन्हा सखी रायगढ़ तथा सत्र की समीक्षा जाने-माने वरिष्ठ नव गीतकार जगदीश जे पंकज ने की।
  आठवें सत्र की शुरुआत सांय सवा छः बजे जिसमें खुशबू जैन,श्याम सुंदर सिखवाल व वरिष्ठ साहित्यकार आचार्य रूप चंद्र शास्त्री मयंक ने काव्य पाठ किया आनंद अमित प्रजापति ने सत्र का संचालन किया । वरिष्ठ साहित्यकार  योगेश समदर्शी  गाज़ियाबाद ने सत्र की समीक्षा की।
  फगुनाहट विषय पर यादगार एवं जबरदस्त 9वां सत्र  रहा जो लोक गीतों पर आधारित था। यह सत्र सभी के मन को बहुत भाया,जिसमें राज बहादुर राणा सुल्तानपुर उत्तरप्रदेश,रविन्द्र कुमार शर्मा जौनपुर उत्तर प्रदेश,गीत कार प्रमोद कुमार प्रेमी जौनपुर उत्तर प्रदेश,गीतकार कल्लूराम स्नेही जौनपुर उत्तर प्रदेश व विनय शर्मा दीप मुंबई ने बहुत ही मन मोहक प्रस्तुतियां दी।लोकगीतों की मिठास ने मस्ती और आह्लाद का वातावरण बना दिया,पूरा माहौल  आनंदमय व संगीत मय स्वरमय हो गया।
   कार्यक्रम का संचालन कवि विनय शर्मा दीप,अध्य्क्ष मुंबई शाखा ने किया,कार्यक्रम की समीक्षा  दोहा कतर से जुड़े आनंद शेखर उपाध्याय ने की।           दसवां सत्र 8:15 बजे जिसमें अनिल शर्मा चिंतक चंडीगढ़,केशव मोहन पांडेय दिल्ली,आरसी यादव दिल्ली, तथा जाने-माने ग़ज़लकार- चित्रकार विज्ञान व्रत ने काव्य पाठ किया,संचालन तरुणा पुंडीर दिल्ली व समीक्षा अनिल मीत दिल्ली ने की। 
   ग्यारवें व अंतिम सत्र की शुरुआत रात 9:15 बजे हुई इस सत्र में आदित्य अजनबी डबरा, राजीव पांडे गाजियाबाद,मंजुलता राजवैद्य, रंजना लता बिहार,अनिल मीत दिल्ली,ऋषि धीमान अहमदाबाद,डॉ सुरेंद्र डी सोनी चूरु ने काव्य पाठ किया सत्र का संचालन विनोद मिश्रा सुरमणी दतिया ने किया कार्यक्रम की अध्यक्षता मंगलायतन विश्वविद्यालय अलीगढ़ के कुलपति प्रोफेसर पी.के दशोरा ने की।उन्होंने बारह घण्टे अनवरत चले इस कार्यक्रम की भूरी-भूरी प्रशंसा की,उन्होंने दिन भर चले सभी सत्रों की समीक्षा की व सभी कवियों,संचालकों,समीक्षकों को बेहतरीन,सधे हुए सुचारू कार्यक्रम की बधाई दी।
  श्री दशोरा ने अपनी रचना का पाठ भी किया और आयोजकों को बहुत बधाई देते हुए कहा कि ऐसे कार्यक्रम अधिक से अधिक होते रहने चाहिए ताकि साहित्य को बाज़ार बनने से रोका जा सके एवम् उसकी सार्थकता को सहेजा जा सके।
   अंत में कार्यक्रम आयोजक संयोजक आशा पांडेय ओझा व बैजनाथ शर्मा मिंटू ने कार्यक्रम के सभी सत्रों से जुड़े कवियों समीक्षकों,संचालकों का आभार व्यक्त किया। कार्यकम सफल बनाने में सभी की भूमिका को  इंगित करते हुए सभी का आभार माना।