सुभारती पुरस्कार समारोह में योगीराज भारतभूषण भारतेंदु को मिला "बेस्ट योगगुरु एवॉर्ड"

सुभारती पुरस्कार समारोह में योगीराज भारतभूषण भारतेंदु को मिला "बेस्ट योगगुरु एवॉर्ड"

सुभारती पुरस्कार समारोह में योगीराज भारतभूषण भारतेंदु को मिला "बेस्ट योगगुरु एवॉर्ड"

_ समाज में बनते आपसी गांठ को खोलना और सुलझाना ही उद्देश्य : योगीराज भारत भूषण भारतेंदु

* संवाददाता

    गोरेगांव : मुंबई के गोरेगांव पूर्व में आयोजित सुभारती पुरस्कार समारोह में योगीराज भारतभूषण भारतेन्दु को 'बेस्ट योगगुरु' का एवॉर्ड प्रदान किया गया । इस कार्यक्रम में विशिष्ठ अतिथि के रूप में उपस्थित योगीराज भारत भूषण भारतेंदु (संस्थापक -श्री हरि नारायण सेवा संस्थान) ने इस अवसर पर बताया कि समाज में बढ़ती आपसी दूरियां, एकाकी जीवन, बंटता परिवार व जीवन में बनती गांठ को कैसे खोलें और सुलझाएं।  उदाहरण देने के लिए एक रुमाल में उन्होंने सकरमुद्दी गांठ लगाकर दर्शकों को दी। दर्शकों  ने उस गांठ को खूब कस कर बांध दिया , पर योगीराज के एक फूंक से पलक झपकते ही गांठ खुल गई। जिससे कार्यक्रम में उपस्थित अतिथि और दर्शक आश्चर्य चकित रह गए । योगीराज ने जीवन के इसी राज को समझाते हुए कहा कि जीवन बहुत सरल है और बहुत कठिन भी है। हम उसको कैसा बनाते हैं उसके हम स्वयं जिम्मेदार होते हैं। आज के समय में खुद को सुलझाते हुए देश के सभी देश वासियों को सब भूल कर संगठित और सुगठित रहने की आवश्यकता है ।
  उन्होंने संस्था द्वारा देश में किए जा रहे समाजोपयोगी कार्यों की भी जानकारी दी। 'हर हांथ बांसुरी-हर सांस बांसुरी' के अंतर्गत योगीराज ने कार्यक्रम संचालक किशन अग्रवाल तथा अन्य को भगवान श्री कृष्ण की प्रिय बांसुरी, प्रसाद के रूप में प्रदान की। 

   कार्यक्रम के मुख्य अतिथि, मुंबई के पूर्व शेरिफ डॉ. जगन्नाथराव हेगड़े अपनी पत्नी सहित उपस्थित थे।
    इस अवसर पर योगीराज भारतभूषण भारतेंदु के अलावा कलाकारों (रामजी शर्मा और हेतल शुक्ला), कवियों (कुसुम तिवारी, नीलिमा पांडे, राजू मिश्रा, कविरा), गायिका (श्रुति भट्टाचार्य), अशोक तिवारी, चार्टर्ड अकाउंटेंट चिंतन शाह, फिजियोथेरेपिस्ट डॉ. राजश्री सावे , अभिनेता रमेश गोयल जैसे कई प्रतिभाशाली लोगों को "सुभारती पुरस्कार" दिया गया।
  मुख्य अतिथि डॉ. हेगड़े ने अपने भाषण में कहा कि , "मैं अच्छाई को प्रोत्साहित करने में हितेश सोमपुरा का समर्थन करता हूं और उन्हें ऐसे पुरस्कार समारोहों और गतिविधियों को कभी नहीं रोकना चाहिए।"
  हितेश सोमपुरा ने कहा कि “अगर हम अच्छाई को प्रोत्साहित नहीं करेंगे तो बुराई हावी हो जाएगी । जैसा कि हमने हाल के अपराधों में देखा है। ऐसे पुरस्कारों और प्रोत्साहन से हम समाज की बुराइयों को कमजोर करना चाहते हैं। एक तारीफ कभी-कभी किसी के जीवन की दिशा बदल सकती है।"
  कलाकार रामजी शर्मा ने कहा, "दृश्य कला शब्दों के बिना अभिव्यक्ति और समाज का प्रतिबिंब है।"
  कार्यक्रम का उत्कृष्ट और सारगर्भित संचालन किशन अग्रवाल ने किया।