नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर आधारित मैथिली पाठ्यपुस्तक में विनय शर्मा दीप को मिला स्थान
नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर आधारित मैथिली पाठ्यपुस्तक में विनय शर्मा दीप को मिला स्थान
* संवाददाता
मुंबई : फाइव फिंगर्स एजुकेशन प्राइवेट लिमिटेड द्वारा "मैथिली हिंदी पाठ्यपुस्तक एवं अभ्यास पुस्तिका" नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के मापदंडों के अनुरूप प्रकाशन में लायी गई है। इसमें बच्चों के सर्वांगीण विकास के उद्देश से हिंदी के वरिष्ठ कवियों एवं लेखकों की ज्ञानवर्धक एवं रोचक रचनाओं का संकलन किया गया है ।उसी क्रम में जौनपुर उत्तर प्रदेश में जन्मे कवि,लेखक,कथाकार,नाटककार,वृहन्मुंबई महानगर पालिका में बतौर शिक्षक-शिक्षाविद स्वर्गीय दीपनारायण श्यामलाल शर्मा के पुत्र कवि,लेखक एवं सशक्त समाजसेवी विनय शर्मा दीप द्वारा लिखित आदिवासियों के देवता कहे जाने वाले "शूरवीर बिरसा मुंडा की जीवनी" का चयन किया गया है।
उल्लेखनीय है कि दीप जी को कक्षा सातवीं में उत्कृष्ट एवं ऐतिहासिक लेखकों के मध्य स्थान देकर गौरवान्वित किया गया है। शूरवीर बिरसा मुंडा के बचपन से लेकर उसके जीवन में संघर्ष घटित होने वाली सभी पहलुओं पर लेखक ने प्रकाश डाला है। वर्तमान में प्रशासन ने भी शूरवीर बिरसा मुंडा की जयंती का शुभारंभ किया है इससे यह उम्मीद की जा सकती है कि उक्त अध्याय को अध्यापकों और बच्चों द्वारा सराहा जाएगा।फिंगर्स एजूकेशन प्रा. लि. की " मैथिली हिंदी पाठ्यपुस्तक एवं अभ्यासपुस्तिका " नई राष्ट्रीय शिक्षा के अनुरूप इन पुस्तकों में कौशल विकास, तार्किक विश्लेषण, रचनात्मकता, नैतिक मूल्यों आदि को प्रमुखता दी गई है। मैथिली हिंदी पाठ्यपुस्तक की सामग्री में सूर - तुलसी के काव्य सौंदर्य से लेकर वर्तमान राष्ट्रपति महामहिम द्रौपदी मुर्मू के जीवन संघर्ष को स्थान दिया गया है। यदि यहाँ जे. आर. डी. टाटा जैसे उद्यमी हैं तो नीरज चोपड़ा जैसे ऊर्जावान खिलाड़ी भी मिलेंगे। भारतीय स्वतंत्रता का अमृत महोत्सव के साथ-साथ पर्यावरण, समय प्रबंधन, स्वास्थ्य, विज्ञान, योग, जलवायु परिवर्तन आदि को साहित्य की विभिन्न विधाओं में शामिल किया गया है। समूची पाठ्यपुस्तक का डिजिटल रूपांतरण प्रकाशन की ओर से किया गया है। डिजिटल सामग्री में एनीमेशन, कार्यपत्रिका, उत्तरमाला, पाठ-योजना, संगीतमय पठन, रिकॉर्डिंग, बहु विकल्पीय प्रश्न आदि बड़े ही रोचक ढंग से दिए गए हैं।
पाठ्यपुस्तक की अध्याय-योजना छात्रों की रचनात्मक शक्ति उभारने एवं उनमें रुचि पैदा करने के लिए की गई है। अध्याय का पहला चरण "पाठ - परिवेश" है । इसके अंतर्गत अध्ययन की पूर्व तैयारी है। तत्पश्चात पाठ - प्रस्थान है जिसे हम भूमिका भी कह सकते हैं। इसके बाद पाठ को बड़े ही आकर्षक ढंग से सचित्र प्रस्तुत किया गया है। आगे के क्रम में मूल्य, शब्दार्थ, आगत शब्द एवं मुहावरे दिए गए हैं। शेष सामग्री को अभ्यास, भाषा की बगिया, रचनात्मक उड़ान एवं रोचक तथ्य के रूप में बड़े सलीके से रखा गया है। रचनात्मक उड़ान नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के दिशा निर्देशों पर आधारित कक्षा के बाहर की गतिविधियाँ हैं। कुल मिलाकर फाइव फिंगर्स प्रा. लि. की हिंदी पाठ्यपुस्तकें भावी शिक्षा प्रणाली की सभी आवश्यकताओं को पूरा करती हैं।
लेखक डॉ. जीतेन्द्र पाण्डेय के अनुसार कई शिक्षण संस्थान हिंदी भाषा को डिजिटल रूप देने के लिए बड़ी - बड़ी कंपनियों को हायर करते हैं ताकि उनके शिक्षक पठन- पाठन का कार्य रुचिकर ढंग से करें। फाइव फिंगर्स की हिंदी पाठ्यपुस्तकें तकनीक से लैस हैं। यहाँ अलग से कोई प्रयास नहीं करना है। प्रकाशन के लोग ही शिक्षकों-छात्रों की डिजिटल आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए सदैव तत्पर हैं। वहीं कंपनी के प्रबंध निदेशक श्री मनोरंजन सिंह कहते हैं कि हमारी सभी पाठ्यपुस्तकों में हमारे दशकों का अनुभव शामिल है साथ ही हम विशेषज्ञों के माध्यम पाठ्यक्रम के निर्माण में बारीक से बारीक चीज़ों पर नज़र रखते हैं। पिछले दिनों डॉ. जीतेन्द्र ने मैथिली पाठ्यपुस्तक विनय शर्मा 'दीप' को भेंट की । उक्त खबर पाने पर मुंबई महानगर में साहित्य सेवा कर रही भारतीय जन भाषा प्रचार समिति,नव कुंभ साहित्य सेवा संस्थान,संगीत साहित्य मंच,भारतीय साहित्य सेवा परिषद,अखिल भारतीय साहित्य परिषद,हृदयांगन संस्था, हस्ताक्षर संस्था,उज्जवल साहित्यिक संस्था, काव्य सृजन संस्था,काव्य कुंज,कलमकार, शब्दाक्षर महाराष्ट्र,बेस्टी एजुकेशन एंड चैरिटेबल ट्रस्ट,काव्यांजलि एक अनूठा आरंभ विश्व मंच,रमा साहित्य मंच लखनऊ एवं कोशिश साहित्यिक संस्था जौनपुर से जुड़े सभी साहित्यकारों एवं सामाजिक राष्ट्रीय संस्था जननायक कर्पूरी ठाकुर सेवा समिति के जुड़े सभी समाजसेवियों एवं पदाधिकारियों ने कवि,लेखक विनय शर्मा दीप को बधाई एवं शुभकामनाएं दी। विनय शर्मा दीप ने बताया कि इस उपलब्धि के पीछे मुंबई महानगर के वरिष्ठ साहित्यकारों आर एल वर्मा,डॉ आर एन सिंह,डॉ दिनेश प्रताप सिंह, वरिष्ठ साहित्यकार हौसिला प्रसाद अन्वेषी,जवाहरलाल निर्झर, रामप्यारे रघुवंशी,अनिल कुमार राही,नामधारी राही,रामजीत गुप्ता,एन बी सिंह नादान, जयंत्री प्रसाद जगमग,नंदलाल क्षितिज, अवनीश कुमार दीक्षित,डॉ शैलेश वफ़ा,का मार्गदर्शन,माता शांति देवी का आशीर्वाद एवं जीवन साथी रेनुदेवी का भरपूर सहयोग रहा है।