संगीत साहित्य मंच की 97 वीं काव्यगोष्ठी हुई सम्पन्न

संगीत साहित्य मंच की 97 वीं काव्यगोष्ठी हुई सम्पन्न

संगीत साहित्य मंच की 97 वीं काव्यगोष्ठी हुई सम्पन्न
      

* संवाददाता
        ठाणे  : साहित्यिक, सामाजिक एवं सांस्कृतिक संस्था संगीत साहित्य मंच की निरंतर चलने वाली 97 वीं काव्य गोष्ठी का आयोजन कासार वडवली के सेंडोबा मंदिर रोड स्थित किशोर भोईर के फॉर्महाउस पर किया गया।यह गोष्ठी एक कवि सम्मेलन  के रूप में तब परिवर्तित हो गई जब श्रोताओं से पूरा हाल भर गया।

     इस आयोजन के मुख्य अतिथि अरविन्द कुमार सिंह थे तथा अध्यक्षता पूर्व प्रधानचार्य  तथा वरिष्ठ कवि तिलक राज खुराना ने की।

  सदाशिव चतुर्वेदी "मधुर" के संचालन में हुई गोष्ठी में सर्व प्रथम पुष्प स्वरूप  माँ वीणा पाणी के चरणों मे श्री मधुर ने वन्दना अर्पित की।  तत्पश्यात शुरू हुई काव्यगोष्ठी में सर्वप्रथम श्रृंगार रस के धनी अरुण मिश्र अनुरागी को काव्य पाठ के लिए आमन्त्रित किया गया। अनुरागी  ने प्रकृति के सौंदर्य पर कविता सुनाकर खूब वाहवाही लूटी।कार्यक्रम की अगली कड़ी में मिथिलेश सिसोदिया ने "अनुभूतियां" नामक कविता प्रस्तुत कर खूब तालियाँ बटोरीं। वरिष्ठ कवि श्री खुराना ने जीवन दर्शन पर रचना पढ़कर सबका मन मोह लिया।

  कार्यक्रम की अगली कड़ी में पूर्व प्राचार्य,वरिष्ठ कवि अजय कुमार सिंह ने जीवन सुख के हेतु इन्सान की अंधी दौड़ पर कई पहलुओं को छूते हुए संदेशात्मक काव्यपाठ किया।

  संस्था के संयोजक रामजीत गुप्ता ने दोस्ती पर कविता के माध्यम से सामाजिक बुराइयों के कई पहलुओं का विश्लेषण किया।

  मंच संचालन कर रहे "मधुर" ने देश के जाबांज वीर सपूतों पर वीर रस के कई मुक्तक प्रस्तुत कर सभी को रोमांचित कर दिया।इसी कड़ी में  विजय महाडिक और विजय गाडलिक  की आवाज में संगीत के साथ दो फिल्मी गीतों का गायन भी हुआ।

  मंच संचालक मधुर ने अपने अंदाज में सभी को हँसी खुशी के माहौल में बाँधे रखा।

   कार्यक्रम की सफलता के लिए मुछाला कॉलेज में कार्यरत अरविंद कुमार और श्री भोईर के पुस्तकालय,वाचनालय और मंथन कट्टा की सारी व्यवस्था देखने वाली संगीता का विशेष योगदान रहा।

  अंत मे संस्था के सह संयोजक सदाशिव चतुर्वेदी "मधुर" ने सभी को धन्यवाद देकर आभार व्यक्त किया।