लोकसभा में सांसद श्री गोपाल शेट्टी द्वारा नियम 377 के अंतर्गत उठाए गए मुद्दों से गूंजी लोकसभा !
लोकसभा में सांसद श्री गोपाल शेट्टी द्वारा नियम 377 के अंतर्गत उठाए गए मुद्दों से गूंजी लोकसभा !
_ निर्दोषों को जमानत और न्यायिक प्रक्रिया को आसान करने की सिफारिश
* अमित मिश्रा
नई दिल्ली : निर्दोषों की जमानत प्रक्रिया का सरलीकरण करने तथा न्यायिक प्रक्रिया को सुलभ तथा गतिवान कराने के लिए उत्तर मुंबई के तेजतर्रार सांसद श्री गोपाल शेट्टी ने न सिर्फ कमर कस ली है बल्कि उनके प्रासंगिक तर्कों से लोकसभा तक गूंज उठी है।
सांसद श्री गोपाल शेट्टी ने लोकसभा में नियम 377 के तहत मांग रखते हुए कहा कि एक निर्दोष व्यक्ति को जमानत देने की प्रक्रिया को आसान कराना आवश्यक है जिसका न्यायिक के साथ साथ मानवीय पहलू भी है । जेल में बंद एक व्यक्ति के बीस साल बाद बरी होने के मामले भी सामने आए हैं। इसलिए जमानत अर्जी को लेकर कानून में कुछ बदलाव किए जाने चाहिए ताकि निर्दोष व्यक्ति को त्वरित और निष्पक्ष न्याय मिल सके। उन्होंने कहा कि कानून में कुछ बदलाव करना आज समय की मांग है।
संसद के चल रहे तत्कालीन सत्र में भाजपा सांसद श्री शेट्टी ने कानून व्यवस्था, पुलिस प्रशासन, दोषसिद्धि की धाराओं और अदालतों तक आम आदमी द्वारा सामना की जाने वाली गंभीर और उपेक्षित समस्याओं पर विस्तार से अपने विचार व्यक्त किए।
संसद के पटल पर नियम 377 के तहत कुछ महत्वपूर्ण मुद्दों पर आगे बोलते हुए सांसद श्री शेट्टी ने कहा कि आम नागरिकों से लेकर गणमान्य व्यक्तियों तक, पुलिस उन्हें गंभीर धाराओं के तहत जेल में डाल देती है, जमानत आवेदनों में जटिलता के कारण सुनवाई में लंबा विलंब होता है और व्यक्ति को न्याय के इंतजार में सालों जेल में बिताना पड़ता है । ऐसे कई उदाहरण भी हैं जहां जेल में बंद एक व्यक्ति को बीस साल बाद बरी करार किया गया ।
सांसद श्री शेट्टी ने स्पष्ट कहा कि मेरा अनुरोध है कि जमानत अर्जी को लेकर कानून में कुछ बदलाव किए जाएं। उन्होंने तर्क दिया कि जमानत अर्जी में कुछ सरलीकरण होना चाहिए ताकि निर्दोष व्यक्ति को शीघ्र और निष्पक्ष न्याय मिल सके।
आरोप साबित न होने पर आरोप लगानेवाले पुलिस अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई होने की मांग पर अडिग हैं सांसद श्री शेट्टी...
सांसद श्री शेट्टी ने आगे कहा कि बिना कारण जेल में बंद निर्दोष नागरिक का जीवन कठिन हो जाता है। वह मानसिक रूप से कमजोर हो जाता है। किसी वजह से पुलिस अधिकारियों ने आरोप लगाया होगा और यदि वे अदालत में साबित नहीं होते हैं, तो उन अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए।
लंबित प्रकरणों का शीघ्र निस्तारण हो...
सांसद श्री शेट्टी ने तर्क के साथ सुझाव भी दिया है कि अधिक दिनों से लंबित न्यायिक मामलों के शीघ्र निपटान के लिए और लंबित व शिथिल न्यायिक प्रक्रिया पर ध्यान देने के लिए आवश्यक कदम उठाने की भी आवश्यकता है।