महाशिवरात्रि पर विशेष कविता "कंकर-कंकर में शिव शंकर..."
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महाशिवरात्रि पर विशेष कविता "कंकर-कंकर में शिव शंकर..."
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भोले बाबा डमरू बजाएं डम-डम
बोल बम,बोल बम,बोल बम-बम।
जो भी तुझे पूजे फहराए परचम
बोल बम,बोल बम,बोल बम बम।
धूनी रमाने वाले बाबा सर्पधारी की,
जग का जहर पीने वाले अविकारी की,
सर्वशक्तिमान, भगवान अर्धनारी की,
जय हो काशी वासी, अविनाशी,गंगा धारी की,
सबका तू करे उपकार हरदम,
बोल बम बोल बम बोल बम-बम।
भोले बाबा डमरू डमरू बजाएं हरदम -1
सावन में पावन करे,जो कण-कण,
दुखियों के दर्द को हरे जो तत्क्षण
भक्तों का करे जो हमेशा रक्षण,
तेरे ही सहारे जीतते हैं हर क्षण,
वरदानी भोले तेरा सबपे करम
बोल बम,बोल बम,बोल बम बम
भोले बाबा डमरू बजाएं डम-डम
बोल बम,बोल बम,बोल बम बम।-2
बारह-बारह ज्योतिर्लिंगों से सजी मेरी माटी है,
महाराष्ट्र की माटी,भोले को बहुत भाती है,
भारतीय संस्कृति वाली परिपाटी है,
गंगा धारी ने बिपत्ति हर बार काटी है।
फहरे जगत में तुम्हारा परचम
बोल बम बम बोल बम बम।
भोले बाबा डमरू बजाएं डम-डम
बोल बम, बोल बम, बोल बम-बम।-3
कितनी गिनाऊं तेरी महिमा निराली है,
तेरे बिना जिंदगी में कहां खुशहाली है,
तेरे चरणों में रोज होली है दिवाली है
थोड़ी-सी कृपा दे भोले,मेरी झोली खाली है
मिट जाएं दुनिया से सारे ही भरम,
बोल बम,बोल बम,बोल बम बम।-4
* रचनाकार : सुरेश मिश्र
(प्रसिद्ध कवि एवं मंच संचालक ) मुम्बई