कविता : पिलाओ अमृत बूंद पित्रों को
पूर्वज एवं पित्रों को समर्पित कविता : पिलाओ अमृत बूंद पित्रों को
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जहां में प्यार करते हो,
सखा संबंधि मित्रों को।
जहां में पूजते हो देव प्रतिमा
और चित्रों को।
जनम जिसने दिया,
उनसा न कोई देव दूजा है।
करो सेवा और पिलाओ
अमृत बूंद पित्रों को।।
* विनय शर्मा दीप
(कवि एवं पत्रकार ) मुंबई