सुल्तानपुर का नाम बदलकर कुशभवनपुर कराने की मांग हुई तेज

सुल्तानपुर का नाम बदलकर कुशभवनपुर कराने की मांग हुई तेज

सुल्तानपुर का नाम बदलकर कुशभवनपुर कराने की मांग हुई तेज

- श्री महाराष्ट्र रामलीला मंडल ने सीएम योगी तक पहुंचाने के लिए भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रेम शुक्ल को सौंपा ज्ञापन

* संवाददाता

       मुंबई :  उत्तर प्रदेश के मशहूर जिले सुल्तानपुर का नाम बदल कर कुशभवनपुर करने की मांग अब तेज होती जा रही है। पौराणिक मान्यतानुसार गोमती नदी के तट पर मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम के ज्येष्ठ पुत्र कुश द्वारा कुशभवनपुर नाम का नगर बसाया गया था। खिलजी वंश के सुल्तानों ने छलपूर्वक जंग जीतने के बाद इस नगर को सुलतानपुर के नाम से बसा दिया। दावा है कि सुल्तानपुर (कुशभवनपुर) को लेकर वर्ष 1903 में प्रकाशित सुलतानपुर गजेटियर में भी इसका कथित रूप से जिक्र हुआ है।

   अब कुशभवनपुर को अपने प्राचीन नाम से न केवल संबोधित किया जाए बल्कि प्रशासकीय स्तर पर भी शीघ्र से शीघ्र सारी औपचारिकता पूरी की जाए, ऐसी मांग वाला ज्ञापन एक प्रतिनिधि मंडल ने भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रेम शुक्ल को सौंपा और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलकर इस संदर्भ में उचित कार्यवाही हेतु निवेदन किया।
       ज्ञात हो कि एमएमआर अर्थात् मुंबई और आसपास के जिलों में सुल्तानपुर (कुशभवनपुर) के लोग बड़ी संख्या में रहते हैं। कुशभवनपुर से जुड़े श्री महाराष्ट्र रामलीला मंडल के महामंत्री सुरेश मिश्र ने भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रेम शुक्ल को एक पत्र सौंपा, जिसमें मांग है कि मुगल काल में हिंदुस्तानी सभ्यता को दर्शाने वाले कई ऐतिहासिक नामों को बदलकर उनके महत्व और पहचान को मिटाने का प्रयास किया गया था और मुगल सभ्यता से जुड़े नामों को हम पर जबरन थोपा गया। अब केंद्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रयासों से हिंदुस्तानी सभ्यता के खोए हुए सम्मान को पुनर्स्थापित करने की शुरुआत हो चुकी है। फैजाबाद को अयोध्या, इलाहाबाद को प्रयागराज और मुगलसराय को पंडित दीनदयाल उपाध्याय का नाम दिया गया है। इसी तरह से अब सुल्तानपुर का नाम भी बदल कर कुशभवनपुर किए जाने की आवश्यकता है, जिससे हमारी भावी पीढ़ी अपने सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहर को जान सके और उसका संरक्षण हो सके। प्रदेश के जिन मूल नामों और पहचान को मिटाने का प्रयास मुगल शासन काल के दौरान हुआ, अब पुनः उन मूल नामों और पहचान को स्थापित करने का यही स्वर्णिम अवसर है।

     वहीं, रामलीला मंडल के अध्यक्ष अशोक पांडेय और कोषाध्यक्ष श्रीनिवास मिश्रा ने कहा है कि प्रेम शुक्ल ,हिंदुस्तानी संस्कृति, भावनाओं और ज्ञान का पक्ष बड़ी ही दृढ़ता के साथ प्रस्तुत करते हैं।     कुशभवनपुर की माटी के लाल प्रेम शुक्ल वर्षों से मुंबई से जुड़े हुए हैं। हमें विश्वास है कि प्रेम शुक्ल सुल्तानपुर का नाम बदल कर कुशभवनपुर रखवाने में महत्वपूर्ण योगदान देंगे और इस जिले को खोई हुई ऐतिहासिक पहचान पुनः प्राप्त होगी।