कविता : बिपरजॉय तूफान ....

कविता : बिपरजॉय तूफान ....

कविता : बिपरजॉय तूफान ....

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पांच लाख टन नमक को

निगल गया शैतान
इधर लोग गरिया रहे,

क्रूर-कुटिल तूफान


क्रूर-कुटिल तूफान,

उन्हें मैंने समझाया
ये मनुष्य से तो अच्छा है

राम लुभाया
कह 'सुरेश' तूफान नमक का

कर्ज चुकाया
था खूंखार मगर

मानव को एक न खाया

* कवि : सुरेश मिश्र
( हास्य व्यंग्य कवि एवम् मंच संचालक )  मुंबई .....