कविता : हिंदी हिंदुस्तान है
कविता : हिंदी हिंदुस्तान है
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हिंदी हिंदुस्तान है
धड़कता दिल रूहों की जान है
आशा निराशा हार जीत
जन जन की पहचान है
हिंदी हिंदुस्तान है।
एक सूत्र में है बांधे
करोड़ों को एक मात्र है
जात पात मजहब से ऊपर
गहरा घना जज़्बात है
यह आन है शान है
यह हमारी पहचान है
हिंदी हिंदुस्तान है ।
इक तलाश है
देश से बाहर
अपनेपन की आस है
शब्दों का सागर है
जज़्बातों की भरी गागर है
इज्जत है मान है
हिंदी हिंदुस्तान है।
सिर्फ भाषा नहीं
रिश्ता है यह हम सब का
जड़ों से बांधे रूह तक का
हिंदी हैं हमवतन हैं
हिंदी हिंदुस्तान है।
* रचनाकार : राजेश कुमार लंगेह ( जम्मू )