सावधान ...पालघर में सुंदरम नाका की ओर से जाने वाली सड़क से संभलकर गुजरना, नहीं तो....!!

सावधान ...पालघर में सुंदरम नाका की ओर से जाने वाली सड़क से संभलकर गुजरना, नहीं तो....!!

सावधान ...पालघर में सुंदरम नाका की ओर से जाने वाली सड़क से संभलकर गुजरना, नहीं तो ... !!
_खस्ताहाल सड़क को लेकर नागरिकों में रोष
_ दुपहिया वाहन चालकों के लिए यमराज बनती जा रही है सड़क !


* अमित मिश्रा

   पालघर : खबर में लगाई गई ये सभी तस्वीरें मंगल ग्रह की नहीं हैं।  चांद की सतह की तो बिल्कुल ही नहीं हैं। पर ऐसे ही किसी दूसरे ग्रह की सतह का आभास दे जाती इस सड़क पर सावधानी से नहीं चला गया तो तारे दिखाने में इस सड़क को कोई संकोच भी नहीं होता है। फिर आपकी कितनी हड्डियां टूटी हैं या शरीर पर कितने  जख्म बने हैं इसका हिसाब किसी हॉस्पिटल के बेड पर या अपने मकान के किसी कोने में असहाय अवस्था में लेटकर करते रहिएगा। इस सड़क पर शायद इसीलिए कभी नहीं लिखा गया कि " पालघर पश्चिम में इस मार्ग पर आपका स्वागत है।" 

   जी हां , हम बात कर रहे हैं विरार से आगे वापी की ओर जाते समय रास्ते में पड़ने वाले स्टेशन पालघर इलाके की एक हैरान कर देनेवाली सड़क की। इस सड़क पर चलते हुए कभी महसूस नहीं होता है कि आप धरती पर ही हैं ।

    पालघर पश्चिम स्थित माहिम रोड पर सुंदरम नाका से सुंदरम सेंट्रल स्कूल से आगे तक करीब 900 मीटर का रास्ता बेहद खराब अवस्था में है। ये वही मशहूर और चर्चित सुंदरम सेंट्रल स्कूल/ कॉलेज है जिसमें नर्सरी से लेकर 12 वीं कक्षा तक की शिक्षा दी जाती है। एक से बढ़कर एक प्रतिभाशाली छात्र इसमें शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। हर रोज सैकड़ों छात्र, छात्राएं पालघर के विभिन्न इलाकों से इसी खस्ताहाल और ऊबड़ खाबड़ सड़क द्वारा सुंदरम सेंट्रल स्कूल आते-जाते हैं। जो लोग पैदल ही इस सड़क पर आवागमन करते हैं उन्हें शायद थोड़ी सी राहत मिल भी जाती होगी, पर जरा सोचिए कि जिन  दूरदराज के नन्हें बच्चों को स्कूल छोड़ने और वापस घर ले जाने के लिए उनके अभिभावक किसी वाहन , विशेषतः स्कूटर या मोटर साइकिल जैसे दुपहिया वाहन द्वारा इस खस्ताहाल सड़क से गुजरते होंगे उन पर और उनके साथ बैठे नन्हें छात्र या छात्रा पर क्या गुजरती होगी। 

   एक बानगी देखिए जिसमें ताजा घटना पालघर पश्चिम सुंदरम सेंट्रल स्कूल के पास ही हुई है। संगीत शिक्षक और योग गुरु योगीराज भारत भूषण भारतेंदु इसी स्कूल के कार्यक्रम में शामिल होने अपने दुपहिया वाहन से जा रहे थे।  स्कूल के पास ही सड़क पर वाहन फिसलने से वे दुर्घटना की चपेट में आकर गंभीर रूप से घायल हो गए।खराब सड़क पर दुपहिया वाहन द्वारा गिरने से उनके हाथ और पैर में गंभीर चोटें आईं। स्कूल के संचालक रमेश बाफना, एस.एम. त्रिपाठी , अविनाश श्रीवास्तव तथा अरूण जैन आदि को खबर हुई तो ये सभी लोग घायल पड़े योगगुरु भारतेंदु के पास भागे-भागे पहुंचे। प्राथमिक उपचार के बाद योगगुरु को तब हॉस्पिटल भी ले जाया गया ।
    ये दुर्घटना इकलौती नहीं है। आए दिन इस तरह की कई दुर्घटनाएं पालघर पश्चिम के निवासियों का नसीब बन चुकी हैं और इस सबकी जिम्मेदार यहां की खस्ताहाल सड़क ही है।

    स्थानीय निवासियों का कहना है कि इस खस्ताहाल सड़क की बदनसीबी है कि आए दिन इस पर वाहन फिसलने से लेकर अन्य प्रकार की दुर्घटनाएं होती रहती हैं। वाहन से वाहन टकराने से ज्यादा दुर्घटना, खराब और ऊबड़- खाबड़ सड़क पर वाहन का बैलेंस बिगड़ने के कारण  दुपहिया के चालक और उसके वाहन के गिर जाने से होती है। इस प्रकार बेवजह ही वाहन चालक या उसके साथ वाहन पर सवार विद्यार्थी अथवा अन्य की जान पर भी अक्सर बन आती है।
  स्कूल के मैनेजमेंट की मानें तो इस सड़क को दुरुस्त करवाने हेतु जिलाधिकारी से लेकर परिवहन मंत्री और मुखमंत्री कार्यालय तक को अनुरोध पत्र भेजा जा चुका है। इस संदर्भ में ग्राम पंचायत को भी कई बार अवगत कराया गया है। कई सालों से भारी कोशिशों के बावजूद भी इस सड़क का सुधार नहीं ही हो सका है।
   पालघर पश्चिम में स्थित सुंदरम सेंट्रल स्कूल जानेवाली इस एकमात्र सड़क की स्थिति अत्यंत दयनीय है। स्कूल के छात्र, छात्राएं, अविभावक और संचालकों द्वारा शासन-प्रशासन से बार-बार अनुरोध और मांग की जाती रही है कि जल्द से जल्द सड़क की दशा सुधारी जाए, पर नतीजा वही ढाक के तीन पात का रहा है।
 स्थानीय लोगों और स्कूल जाने वाले विद्यार्थियों तथा उनके अभिभावकों के सब्र का बांध टूटने को है। अब देखना ये है कि इस सड़क के निर्माण के लिए प्रशासन कोई ठोस कदम उठाता है या किसी बड़ी और जानलेवा दुर्घटना का इंतजार करता बैठा रहता है।