Angel One का अनुमान : सोने की कीमतें 64000 प्रति 10 ग्राम तक बढ़ेंगी !
Angel One का अनुमान : सोने की कीमतें 64000 प्रति 10 ग्राम तक बढ़ेंगी !
* बिज़नेस रिपोर्टर
मुंबई, 8 मई : एंजल वन लिमिटेड के नॉन एग्री कमोडिटी एंड करेंसी रिसर्च एवीपी श्री प्रथमेश माल्या ने बताया की सोने की मजबूत कीमतों का कारण कई व्यापक घटनाएं रहीं, जिसमें रूस-यूक्रेन युद्ध से लेकर अमेरिका में बढ़ती ब्याज दरों के कारण मंदी की प्रतिकूल परिस्थितियां और इसकी वजह से उत्पन्न होने वाला बैंकिंग संकट, यूरोप में बढ़ती ब्याज दरें और वैश्विक अर्थव्यवस्था का मंदी की गिरफ्त में आना शामिल है। इस साल हम भारतीय बाजारों में सोने की कीमतों को और ऊपर जाते हुए देख रहे हैं और जल्द ही यह 64000 प्रति 10 ग्राम के स्तर को छू सकता है।
2023 में सोने ने अब तक अंतरराष्ट्रीय बाजारों और एमसीएक्स में क्रमश: लगभग 12.5 प्रतिशत और 12 प्रतिशत का रिटर्न दिया है। निवेशकों को गिरावट पर सोना जमा करने और लंबी अवधि के लिए अपने पोर्टफोलियो में इसे बनाएं रखने की सलाह प्रथमेश माल्या ने दी है।
चूंकि, 2023 में सोने की कीमतें काफी तेजी से बढ़ी हैं, इसलिए यह देखा जाना बाकी है कि बढ़ते बाजार में निवेशक लंबी अवधि के लिए सोना कैसे जमा करते हैं। भारत में, सोने की कीमतें लगभग 61500/10 ग्राम की रिकॉर्ड ऊंचाई पर है, जो संभवत: भौतिक मांग पर असर डालेगा, जबकि कीमतों में सुधार होने पर सोने के निवेशक अपनी खरीदारी रोक देंगे। यह कहना सुरक्षित होगा, कि सोने की कीमतें भारतीय उपभोक्ताओं के लिए ज्यादा महंगी हो गई है और भारतीय निवेशकों के लिए इसे जमा करने का सबसे अच्छा सौदा मूल्य लगभग 56000-58000/10 ग्राम होगा।
उच्च भू-राजनीतिक जोखिम, विकसित बाजारों में आर्थिक मंदी, रिकॉर्ड ऊंचाई पर ब्याज दरें और अमेरिकी डॉलर में संभावित कमजोरी, बैंक संकट के कारण इक्विटी वैल्यूएशन के लिए जोखिम और अंत में केंद्रीय बैंकों के सोने की खरीद सुनिश्चित करेगा कि सोना 2023 में कैसा प्रदर्शन करेगा। जल्द ही यह 64000 प्रति 10 ग्राम के स्तर को छूने का अनुमान श्री माल्या ने जताया।
अमेरिका में बैंकिंग संकट गोल्ड निवेशकों के पक्ष में है:
महंगाई के दबाव को कम करने के लिए, अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व ने 2022 के दौरान आक्रामक सख्ती की है और 2023 में भी ब्याज दरों में बढ़ोतरी का सिलसिला जारी है। फेडरल रिजर्व ने पिछले एक साल से कुछ ही अधिक समय में (2-3 मई 2023 को आयोजित अपनी बैठक में) 10वीं ब्याज दर वृद्धि को अनुमति दी, जो यह संकेत देता है कि अब ब्याज दरों में सख्ती का चक्र समाप्त होने जा रहा है। इस निर्णय की उम्मीद थी, जो फेड फंड दर को 5% -5.25% की लक्षित सीमा तक ले जाता है। फेड का यह फैसला सर्वसम्मति से लिया गया। बैठक के बाद के बयान में केंद्रीय बैंक की मार्च की टिप्पणियों में मौजूद एक वाक्य को यह कहते हुए छोड़ दिया गया कि फेड के 2% महंगाई लक्ष्य को हासिल करने के लिए 'समिति कुछ अतिरिक्त नीति निर्धारण फैसले ले सकती है।'
हालांकि, फेड कब तक उच्च स्तर पर दरों को बनाए रखेगा, इसके बारे में कहना अनिश्चित है। इसलिए 2023 में सुरक्षित-संपत्ति विशेष रूप से सोने में वैश्विक निवेशकों की रुचि काफी बढ़ गई है। इसके अलावा, अमेरिका में बैंकिंग संकट (सिलिकॉन वैली बैंक, सिग्नेचर बैंक और क्रेडिट सुइस का पतन और बैंकिंग दिग्गज जेपी मॉर्गन द्वारा हाल ही में फर्स्ट रिपब्लिक बैंक के अधिग्रहण) ने हाल के हफ्तों में सुरक्षित ठिकानों में निवेशकों की रुचि पैदा की है। सोना एक ऐसा ही परिसंपत्ति वर्ग है जिसे एक सुरक्षित निवेश ठिकाने के रूप में देखा गया है, जहां वित्तीय प्रणाली में मुश्किल होने पर पैसा तेजी से आता है।