Team Lease : भारत में फ्रेशर्स की भर्ती में दूसरी छमाही में 3 फीसदी की बढ़ोतरी

Team Lease : भारत में फ्रेशर्स की भर्ती में दूसरी छमाही में 3 फीसदी की बढ़ोतरी

Team Lease : भारत में फ्रेशर्स की भर्ती में दूसरी छमाही में 3 फीसदी की बढ़ोतरी

_ ई-कॉमर्स और टेक्नोलॉजी स्टार्टअप, टेलीकम्युनिकेशंस, इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर भर्ती करने वाली टॉप इंडस्ट्रीज बने

* बिजनेस रिपोर्टर

       मुंबई, 8 अगस्त : भारत की प्रमुख शिक्षण संस्था और नौकरी के लिए जरूरी समाधानमुहैया कराने वाली कंपनी टीमलीज़ एडटेक ने 2023 की दूसरी छमाही की अपनी व्यापक करियर आउटलुक रिपोर्ट (सीओआर) जारी की है। इस रिपोर्ट में नौकरियों में फ्रेशर्स की भर्ती में कुछ दिलचस्प तथ्यों का खुलासा किया गया। फ्रेशर्स को नौकरी पर रखने के मामले में 2023 की दूसरी छमाही में 2023 की पहली छमाही के मुकाबले 3 फीसदी की बढ़ोतरी (65 के मुकाबले 62 फीसदी) हुई। इसी दौरान नौकरी खोजने वाले उम्मीदवारों की सभी श्रेणियों में कुल मिलाकर 73 फीसदी उम्मीदवारों को काम पर रखा गया, जो 2023 की पहली छमाही में 68 फीसदी था। इस तरह का स्थिर विकास आने वाले महीने में खासतौर से फ्रेशर्स के लिए अच्छी नौकरी मिलने का संकेत है।

इस रिपोर्ट के अनुसार, फ्रेशर्स की सबसे ज्यादा भर्ती करने वाली टॉप इंडस्ट्रीज में ई-कॉमर्स और टेक्नोलॉजी स्टार्टअप (59 फीसदी), टेलीकम्युनिकेशंस (53 फीसदी), इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर (50 फीसदी) शामिल है। आईटी इंडस्ट्री में फ्रेशर्स की भर्ती में 2023 की पहली छमाही के मुकाबले कुल मिलाकर 18 फीसदी की गिरावट आई। (वित्त वर्ष 2023 की पहली छमाही में 67 फीसदी के मुकाबले 2023 की दूसरी छमाही में 49 फीसदी), जबकि कुछ नए और ट्रेंड कर रहे सेक्टर्स जैसे ट्रैवल और हॉस्पिटैललिटी के क्षेत्र में 2023 की पहली छमाही की मुकाबले 2023 की दूसरी छमाही में फ्रेशर्स को नौकरी पर रखने की तादाद में 5 फीसदी की बढ़ोतरी हुई।

टीमलीज़ एडटेक के संस्थापक और सीईओ शांतनु रूज ने कहा, “चुनौतीपूर्ण भर्ती परिदृश्य के बावजूद भारतीय जॉब मार्केट में फ्रेशर्स को नौकरी पर रखने के मामले में 3 फीसदी का आंशिक उछाल सामने आया। सभी तरह की नौकरी की श्रेणी में 73 फीसदी की कुल बढ़ोतरी आने वाले महीनों का सकारात्मक रुख पेश करती है। इस क्षेत्र में नए और ट्रेंड कर रहे सेक्टर्स जैसे ट्रैवल और हॉस्पिटैलिटी का उभरना खासा उत्साहनजक था, जहां 2023 की दूसरी छमाही में 5 फीसदी की बढ़ोतरी देखी गई। इसके अलावा तरह-तरह की इंडस्ट्रीज में डेव ऑप्स इंजीनियर, चार्टर्ड अकाउंटेंट, एसईएओ एनालिस्ट, साइबर सिक्युरिटी एनालिस्ट, डिजिटल मार्केटिंग स्पेशलिस्ट, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस इंजीनियर और यूएक्स डिजाइनर की मांग भी उभरी है, जिससे युवा और प्रतिभाशाली लोगों को इन पदों पर नौकरी मिलने की अच्छी संभावनाएं हैं।”

इंडस्ट्री में डेवऑप्स इंजीनियर, चार्टर्ड अकाउंटेंट, एसईओ एनालिस्ट और यूएक्स डिजाइनर के पदों के लिए फ्रेशर्स की काफी डिमांड है। बेंगलुरु में 2023 की दूसरी छमाही में फ्रेशर्स को 65 फीसदी नौकरी देकर गार्डन सिटी ने इस राह की अगुवाई की है। हालांकि 2023 की पहली छमाही की तुलना में इसमें 10 फीसदी की गिरावट आई। मुंबई में 61 फीसदी फ्रेशर्स और चेन्नई में 47 फीसदी फ्रेशर्स को नौकरी दी गई। दोनों शहरों में पहली छमाही के मुकाबले 5 फीसदी का उछाल आया। दिल्ली में 43 फीसदी फ्रेशर्स को नौकरी पर रखा गया, जिसमें 2023 की पहली छमाही के मुकाबले 4 फीसदी की गिरावट आई। हालांकि, नए टैलेंट की मांग में केवल थोड़ा बहुत उछाल आया। पिछली छमाही (जुलाई-दिसंबर 2022) की तुलना में मौजूदा छमाही में फेशर्स को नौकरी पर रखने के मामले में 6 फीसदी की बढ़ोतरी हुई।

मार्केट की भावनाओं की झलक देने वाले कुछ कोर्सेज की मौजूदा समय में काफी मांग है, जो उम्मीदवारों को अपनी नौकरी की संभावना बढ़ाने के लिए करने चाहिए। इसमें डिजिटल मार्केटिंग, बिजनेस कम्युनिकेशन, डेटा साइंस, ब्लॉकचेन में सर्टिफिकेट कोर्स और और एआई और एमएल में पीजी कोर्स शामिल हैं। रिपोर्ट में अब डिग्री अप्रेंटिसशिप की नई श्रेणी जोड़ी गई है। यह श्रेणी छात्रों और नियोक्ताओं में काफी लोकप्रिय है। इस समय टॉप तीन इंडस्ट्रीज, जो इस अवधि के दौरान डिग्री अप्रेंटिस निय़ुक्त करने की योजना बना रही है। उनमें मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र में 12 फीसदी, इंजीनियरिंग और इंफ्रास्ट्रक्चर (10 फीसदी) और पावर और एनर्जी क्षेत्र में 7 फीसदी कंपनियां फ्रेशर्स को नौकरी पर रखने की योजना बनाई गई है । चेन्नई और पुणे में 10-10 फीसदी फ्रेशर्स को, बेंगलुरु और मुंबई में 9-9 फीसदी फ्रेशर्स की नौकरियों पर रखा जाएगा। अहमदाबाद में 7 फीसदी फ्रेशर्स को नौकरी देने की योजना है। इस सर्वे में 18 सेक्टर की 737 छोटी मध्यम और बड़ी कंपनियों को कवर किया गया। सर्वे में 14 भौगोलिक क्षेत्रों के लोगों से सवाल पूछे गए (जिसमें मेट्रो, पहले दर्जे और दूसरे दर्जे) के शहर शामिल थे।