सांसद गोपाल शेट्टी द्वारा जनसंख्या नियंत्रण कानून को लेकर संसद पटल पर रखे सवाल का स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ने पत्र भेजकर दिया जवाब
सांसद गोपाल शेट्टी द्वारा जनसंख्या नियंत्रण कानून को लेकर संसद पटल पर रखे सवाल का स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ने पत्र भेजकर दिया जवाब ...
_सांसद गोपाल शेट्टी की जनसंख्या नियंत्रण को लेकर व्यक्त भावनाओं को बताया सराहनीय
* अमित मिश्रा
मुंबई : रोटी कपड़ा और मकान जैसी हर इंसान की मूलभूत आवश्यकताओं के साथ-साथ बेरोजगारी, यातायात /ट्रैफिक, स्वास्थ्य/ चिकित्सा सेवाओं से लेकर इससे जुड़े अन्य मामलों के बोझ से शहर कराहता और गांव सिसकता नजर आया है । इन सब की जड़ में मूल कारण जनसंख्या वृद्धि ही रहा है। इसी को लक्ष्य करते हुए उत्तर मुंबई के लोकप्रिय सांसद गोपाल शेट्टी ने नियम 377 के अंतर्गत संसद पटल पर एक सवाल रखा था, जिसमें स्पष्ट उल्लेख किया गया था कि "जनसंख्या नियंत्रित करने की नीति बनाने के लिए कानून बनाना आवश्यक हो चला है।"
सांसद गोपाल शेट्टी के इस प्रश्न के उत्तर में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य- मंत्री डॉ. भारती प्रवीण पवार ने सांसद गोपाल शेट्टी को पत्र देकर स्पष्ट किया है कि सरकार विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से जन्म दर को कम करने के लिए परिवार नियोजन पर बल देती है। सरकार की पहल के परिणाम स्वरूप जनसंख्या की दशकीय वृद्धि उल्लेखनीय रूप से घटकर 17.6 प्रतिशत रह गई है।
राज्य मंत्री ने स्पष्ट किया है कि कुल प्रजनन दर भी घटकर 2.0 (एनएफएचएस-V. 2019-21) रह गई है बहुत राज्यों तथा संघ शासित प्रदेशों ने प्रजनन स्तर दर अर्थात टीएफआर का 2.1 इससे भी कम रिप्लेसमेंट प्राप्त किया है।
राज्य मंत्री ने सांसद गोपाल शेट्टी को प्रेषित पत्र में आगे स्पष्ट किया है कि इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम में सरकार के जुड़े होने के महत्व पर जोर देने के लिए राष्ट्रीय परिवार नियोजन कार्यक्रम की पहली सूची आपके अवलोकनार्थ संलग्न है ।
पत्र में उल्लेख किया गया है कि इस समय हमें आवश्यकता है कि परिवार नियोजन को एक जन आंदोलन बनाया जाए और स्वास्थ्य के सामाजिक निर्धारकों, जिनमें महिला साक्षरता , महिला सशक्तिकरण और विवाह की आयु प्रमुख है को भी ध्यान में रखा जाए।
सांसद गोपाल शेट्टी की जनसंख्या वृद्धि को लेकर चिंता की भावनाओं को राज्यमंत्री ने सराहनीय कहा है । उन्होंने पत्र में यह भी स्पष्ट किया है कि उपरोक्त सरकारी प्रयासों व सफलता को देखते हुए जनसंख्या नियंत्रण पर कानून बनाने के लिए फिलहाल सरकार का कोई प्रस्ताव नहीं है।