कविता : राजनीति एक क्रिकेट है !
सुरेश मिश्र की व्यंग्य रचना
कविता : राजनीति एक क्रिकेट है ! ************************
दोनों में शोर होता है,
दोनों में स्कोर होता है,
दोनों में मैच होते हैं,
दोनों में कैच होते हैं,
ये दुधारू काऊ होते हैं,
दोनों बिकाऊ होते हैं,
दोनों पैसे का दरिया है,
माल कमाने का जरिया है,
जो अच्छा खेलता है वही टिकता है,
दोनों जगह ही टिकट बिकता है,
क्रिकेट में भी कई सीक्रेट होते हैं,
राजनीति में भी हिट-विकेट होते हैं,
दोनों में कप्तान का अहम रोल होता है,
नासमझ लीडर से बिस्तरा गोल होता है,
राष्ट्रीय,राज्यीय,स्थानीय चुनाव होते हैं,
इधर टेस्ट,वनडे,टी-ट्वेंटी के दांव होते हैं,
राजनीति में खेल,खेल में राजनीति होती है,
दोनों का ही लक्ष्य केवल जीत होती है।
वहां राजनीतिक दल,यहां टीम होती है,
दोनों जगह मलाई,आइसक्रीम होती है ।
* सुरेश मिश्र ( हास्य-व्यंग्य कवि एवं मंच संचालक) मुम्बई