पालघर में विद्यार्थियों को मुफ्त शैक्षणिक सामग्री का वितरण और "हर हाथ बांसुरी , हर सांस बांसुरी मुहिम" की शुरुवात
पालघर में विद्यार्थियों को मुफ्त शैक्षणिक सामग्री का वितरण और "हर हाथ बांसुरी , हर सांस बांसुरी मुहिम" की शुरुवात
_हर बच्चे को बजाना चाहिए बांसुरी : भारतेंदु
* पालघर संवाददाता
पालघर : श्री हरि नारायण सेवा संस्थान (मुंबई) के तत्वावधान में सुंदरम सेंट्रल स्कूल, पालघर द्वारा विद्यार्थियों को मुफ्त शैक्षणिक सामग्री का वितरण करने के साथ-साथ "हर हाथ बांसुरी , हर सांस बांसुरी" मुहिम की शुरुवात की गई। माउली धाम , त्र्यंबक, नासिक के महंत श्री श्री 1008 महामंडलेश्वर रघुनाथ दास जी महाराज (फरसी वाले बाबा) ने योगीराज भारत भूषण भारतेंदु के हाथों से बांसुरी स्वीकार कर इस आयोजन की शुरुआत की। तत्पश्चात वारकरी बाल्य संस्कार गुरुकुल में गुरुकुल के सभी छात्रों को "हर हाथ बांसुरी , हर सांस बांसुरी" मुहिम के अंतर्गत बांसुरी का वितरण किया गया । इसी आयोजन के दौरान विद्यार्थियों को स्कूल बैग तथा नोटबुक सहित विभिन्न शैक्षणिक सामग्री भी वितरित की गई, जिससे गुरुकुल के सभी छात्र हर्षित हो उठे।
इसी दौरान योगीराज भारत भूषण भारतेंदु ने सभी छात्रों को बांसुरी की प्रारंभिक शिक्षा प्रदान करते बांसुरी बजाने के फायदे के बारे में उन्हें बताया । उन्होंने कहा कि बांसुरी बजाने से श्वसन क्रिया अच्छी होती है श्वास नली मजबूत होने के अलावा वोकल कार्ड का भी अच्छी तरह से विकास होता है। इससे फेफड़े मजबूत तथा कोशिकाओं का अच्छा विकास होता है । मस्तिष्क तक प्राण वायु का समुचित संचार होने से उच्च कोटि का मानसिक और शारीरिक विकासहोता है ।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि निशिकांत फड़के ने छात्रों को कठिन परिश्रम के लिए प्रोत्साहित किया तथा गणित का अध्ययन करने पर विशेष बल दिया।
सुंदरम सेंट्रल स्कूल के संस्थापक एस. एम. त्रिपाठी ने जीवन के बहुत से गूढ़ रहस्यों के बारे में जानकारी देते हुए बहुत से ग्रंथों के बारे में भी सभी लोगों को अवगत कराया ।
फरसी वाले बाबा ने संस्थान द्वारा किए जा रहे कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि ऐसे समाजोपयोगी कार्य के लिए समाज के प्रबुद्ध लोगों को योगीराज का हाथ बंटाने हेतु आगे आना चाहिए ।
कार्यक्रम के आयोजन में यश रायचंद शाह, अनिल तिवारी, निवृत, रमेश बाफना, अविनाश श्रीवास्तव, अरुण जैन, कान्हा राम, संतोष बरनवाल तथा धरम गुप्ता आदि का सराहनीय योगदान रहा। कार्यक्रम के अंत में गुरुकुल के संचालक जगन जी लहारे ने सभी का आभार माना।