कविता : सीख
कविता : सीख *************
मुस्कान गज़ब की प्यारी रख,
घर मे फूलों की क्यारी रख।
संतोष तेरे रग रग ठहरे,
जीवन को शाकाहारी रख।
किरदार मिले जो भी जी ले
कुछ ऐसी ही कलाकारी रख।
शौक से चाहे जीवन जी,
पर इज़्ज़त भी तू सारी रख।
प्यार निभा के दिल से अपना,
गंगा सी पावन यारी रख।
देख तुझे हो जाये सजदा ,
पहचान तू ऐसी न्यारी रख।
तुझे सोच-सोच दिन रैन कटे,
कुछ यादें अपनी प्यारी रख।
* कवयित्री:रजनी श्री बेदी
( जयपुर-राजस्थान)